प्रदेश सरकार अगले दो वर्षों में पॉली हाउस योजना से एक लाख से अधिक रोजगार के अवसर पैदा करेगी : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी – Himkelahar – Latest Hindi News | Breaking News in Hindi

प्रदेश सरकार अगले दो वर्षों में पॉली हाउस योजना से एक लाख से अधिक रोजगार के अवसर पैदा करेगी : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

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28 मई 2023 :  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की बैठक में कहा कि प्रदेश सरकार अगले दो वर्षों में पॉली हाउस योजना से एक लाख से अधिक रोजगार के अवसर पैदा करेगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने पर्यटक व तीर्थयात्री के रूप में आने वाली करीब सात करोड़ फ्लोटिंग (भ्रमण) आबादी की सुविधाओं और संसाधन के लिए केंद्र से वित्तीय सहयोग की मांग की। उन्होंने एक बार फिर पर्यावरणीय सेवाओं के लिए राज्य को ग्रीन बोनस देने की मांग उठाई। मुख्यमंत्री ने समान भौगोलिक और सामाजिक परिस्थितियों वाले जम्मू कश्मीर और पूर्वोत्तर राज्यों की तर्ज पर उत्तराखंड को भी औद्योगिक प्रोत्साहन नीति का लाभ अगले पांच साल तक देने की मांग की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम व कांवड़ यात्रा में जो तीर्थयात्री व पर्यटक वर्ष भर आते हैं, वे राज्य की जनसंख्या का पांच से छह गुना हैं। उनके लिए पार्किंग, यातायात, पेयजल, स्वच्छता, आवास, परिवहन, जन सुरक्षा का प्रबंधन राज्य के सीमित संसाधनों से होता है। उन्होंने वित्तीय संसाधनों के आवंटन और नीति निर्माण में फ्लोटिंग आबादी के तथ्य को शामिल करने का अनुरोध किया।

सीएम ने कहा कि राज्य के करीब 70 प्रतिशत क्षेत्र में वनों, बुग्यालों, ग्लेशियरों का संरक्षण कर हम सारे देश को हर साल 95 हजार करोड़ रुपये की पर्यावरणीय सेवाएं दे रहे हैं। भविष्य में राज्यों के मध्य संसाधनों के आंवटन में पर्यावरणीय सेवाओं के मानक बढ़ाए जाने चाहिए। तब तक राज्य को ग्रीन बोनस दें। मुख्यमंत्री ने वर्ष 2022 में समाप्त हुई औद्योगिक प्रोत्साहन नीति को पांच वर्ष के लिए बढ़ाने की मांग की। उन्होंने कहा, जम्मू कश्मीर व पूर्वोत्तर राज्यों में औद्योगिक नीति वर्तमान में भी चल रही है। पर्वतीय राज्य होने के कारण हमारी समस्याएं भी उन्हीं राज्यों की तरह ही हैं।

धामी ने 19 हजार करोड़ की 11 बाह्य सहायतित परियोजनाओं पर वित्त मंत्रालय की लगाई सिलिंग हटाने की मांग की। कहा, इन प्रस्तावों पर नीति आयोग, डीईए व मंत्रालयों से मंजूरी हो चुकी है। परियोजनाओं पर सिलिंग से राज्य को हो रहे नुकसान का समाधान किया जाए। सीएम ने 25 मेगावाट से कम की जल विद्युत परियोजनाओं की मंजूरी और उनका निर्माण कराने का अधिकार देने की मांग की। कहा, राज्य में ऐसी जल विद्युत परियोजनाओं की उत्पादन क्षमता करीब 3500 मेगावाट की है, लेकिन 200 मेगावाट का ही दोहन हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने कुछ हिमनद नदियों को वर्षा आधारित नदियों से जोड़ने की परियोजना के लिए केंद्र सरकार से विशेष वित्तीय सहायता एवं तकनीकी सहयोग का अनुरोध किया।

सीएम ने कहा, केंद्र पोषित योजनाओं को राज्यों की विशिष्ट परिस्थितियों एवं आवश्यकताओं के अनुरूप लचीला होना चाहिए। उन्होंने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना की गाइडलाइन का जिक्र किया। कहा, इसमें पर्याप्त लचीलापन है। ऐसा होने पर पर्वतीय राज्यों को फायदा होगा।

वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने में ये होगा योगदान

सीएम ने कहा, वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए सशक्त उत्तराखंड @25 की अवधारणा के आधार पर तेज गति से कार्य शुरू हो गया है।

– नीति आयोग की तरह स्टेट इंस्टीट्यूट फॉर इंपावरिंग एंड ट्रांसफॉर्मिंग उत्तराखंड (सेतु) का गठन।

– घरेलू और विदेशी निवेशकों के लिए उत्तराखंड निवेश और अवस्थापना विकास बोर्ड बनाया जाएगा।

– जल संरक्षण व बाढ़ नियंत्रण के लिए स्प्रिंग एंड रिवर रिजूवनेशन अथॉरिटी बनाई जा रही है।

– नगरीय मल्टी मॉडल परिवहन सुविधा के लिए यूनिफाइड मेट्रोपॉलिटयन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (यूएमटीए)।

– पीएम गतिशक्ति में गुजरात के बाद उत्तराखंड का दूसरा स्थान।

– मानसखंड मंदिर माला मिशन से 50 हजार परिवारों को प्रत्यक्ष व परोक्ष रोजगार मिलेगा।

अपणि सरकार पोर्टल पर लगभग 70 प्रतिशत सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध कराई जा रही हैं।

– 18000 पॉली हाउस एक साथ मंजूर किए गए हैं।

– पर्यटन नीति के तहत करीब 40 हजार करोड़ का निवेश होगा।

– 29 हेलिपोर्ट तथा हेलिपैड बनाए जा रहे हैं।

– ड्रोन यूसेज एंड प्रमोशन पॉलिसी बन रही है।

मैंने अनुरोध किया है कि जब तक संसाधनों के आवंटन के नए मानक तय नहीं होते हैं, तब तक ग्रीन बोनस दिया जाए। कांवड़ यात्रा, तीर्थयात्री व पर्यटक राज्य की आबादी से पांच से छह गुना ज्यादा है। वित्तीय संसाधनों के आवंटन में फ्लोटिंग आबादी का ध्यान रखा जाए। 25 मेगावाट से कम की परियोजनाओं के आवंटन और क्रियान्वयन का अधिकार राज्य को ही मिलना चाहिए। इससे 3000 मेगावाट का उत्पादन कर सकेंगे। नदियों को जोड़ने के लिए भी केंद्र सरकार से सहयोग मांगा है।

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