प्रदेश में किसी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में डिग्री या अवॉर्ड दिए जाते हैं तो लड़कों की तुलना में बेटियों की संख्या अधिक होती है जो एक सुखद बदलाव है :राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह – Himkelahar – Latest Hindi News | Breaking News in Hindi

प्रदेश में किसी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में डिग्री या अवॉर्ड दिए जाते हैं तो लड़कों की तुलना में बेटियों की संख्या अधिक होती है जो एक सुखद बदलाव है :राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह

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 राजभवन में ‘राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने कहा है कि वर्तमान समय जिस तेजी से बदल रहा है, उसे देखकर कहा जा सकता है कि आने वाले समय में बदलाव का नेतृत्व महिलाओं द्वारा किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि महिलाएं आज निरंतर हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिकाएं निभा रही हैं। कहा कि केंद्र सरकार की उज्जवला, घर घर नल-घर घर जल, सुकन्या समृद्धि जैसी योजनाओं से महिलाओं का जीवन स्तर सुधर रहा है तो उत्तराखंड में भी महिलाएं स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से मजबूत हो रही हैं। उन्होंने कहा कि जब भी प्रदेश में किसी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में डिग्री या अवॉर्ड दिए जाते हैं तो लड़कों की तुलना में बेटियों की संख्या अधिक होती है जो एक सुखद बदलाव है। बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ गीता खन्ना ने कहा कि आयोग द्वारा नशा प्रवृत्ति, बाल अधिकारों, बाल विवाह, अवैधानिक रूप से संचालित कोचिंग संस्थानों के लिए नियमावली तैयार की जा रही है। सदस्य दीपक गुलाटी ने कहा कि आयोग लगातार उत्तराखंड के बच्चों के हितों के लिए समर्पित है। साथ ही कई तरह के कार्यक्रम संचालित कर रहा है। इस मौके पर प्रथम महिला गुरमीत कौर, आयोग के सचिव प्रदीप सिंह रावत, सदस्य विनोद कपरवाण, दीपक गुलाटी, अजय वर्मा, रेखा रौतेला के साथ ही दायित्वधारी कैलाश पंत, मूरतराम नौटियाल, विश्वास डाबर, राजू बिंद्रा, शादाब सम्स, मुकेश कुमार, विनय रोहिला मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

इस अवसर पर राज्यपाल ने बहादुर बेटियों आराधना और नाजिया को सम्मानित किया। पौड़ी श्रीनगर के पास भटौली गांव की निवासी 10 वर्षीय बालिका आराधना ने गत 25 सितंबर को बहादुरी का परिचय देते हुए अपने सात साल के भाई प्रिंस को गुलदार के हमले बचाया। इसी तरह देहरादून में सहसपुर विकासखंड स्थित शंकरपुर निवासी नाजिया ने भी गत वर्ष अपने तीन भाईयों को गुलदार के हमले से बचाया था। 10 वर्षीय नाजिया गांव के प्राथमिक विद्यालय में ही कक्षा पांच में पढ़ती है। राज्यपाल ने दोनों को प्रशस्ती पत्र और शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। इसके साथ ही आयोग द्वारा बनाए गए बाल विधायक भूमिका रौथाण, दीक्षा खर्कवाल, अगमसिफत कौर, काजल कश्यप, सुमेधा उपाध्याय को उनके कार्यों के लिए सम्मानित किया। साथ ही बाल कल्याण के क्षेत्र में काम करने के लिए गीतिका शर्मा, प्रज्ञा भारद्वाज, राजेन्द्र प्रसाद, गुरप्रीत सिंह और मंजू शर्मा को भी सम्मानित किया।

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