धामी सरकार ने नकल माफियाओं के तंत्र ध्वस्त करने के लिए ऐक्ट में किए कड़े प्रावधान !!!
प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में नकल विरोधी कानून लागू कर दिया है। इस कानून में आजीवन कारावास के साथ ही 10 करोड रुपए के जुर्माने का प्रावधान भी किया गया है। देश में उत्तराखंड के साथ ही गुजरात, राजस्थान व अन्य कुछ चुनिंदा राज्यों में नकल विरोधी कानून लागू है। इनमें उत्तराखंड का सार्वजनिक प्रतियोगी परीक्षाओं में अनुसूचित साधनों की रोकथाम संबंधी कानून सबसे सख्त है। फरवरी 2023 में यह विधेयक पारित होने के बाद यह कानून की शक्ल ले चुका है।धामी सरकार ने नकल माफियाओं के तंत्र ध्वस्त करने के लिए ऐक्ट में कड़े प्रावधान किए हैं। इसमें नकल से कमाई गई संपत्ति को जब्त करने का अधिकार है। अब तक प्रशासन आरोपियों की 17 करोड़ की संपत्ति जब्त कर चुका है।उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग व राज्य लोक सेवा आयोग की कई परीक्षाओं में नकल की पुष्टि होने के बाद सरकार ऐसे कई आरोपियों की संपत्ति जब्त भी कर चुकी है। अब तक प्रशासन आरोपियों की 17 करोड़ की संपत्ति जब्त कर चुका है। वहीं, 64 गिरफ्तारियां और 24 आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर की कारवाई हो चुकी है।इसके साथ ही इस कानून में नकल के आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल होते ही पांच साल के लिए परीक्षाओं से बाहर करने, अभ्यर्थियों के दूसरी बार नकल करते पकड़े जाने पर अधिकतम पांच की सजा व 10 लाख तक का जुर्माना, साजिशकर्ता से परीक्षा का पूरा खर्चा वसूलने और सिडिंकेट पर एक करोड़ का जुर्माना और 10 वर्ष तक की सजा का प्रावधान है। केंद्र सरकार ने भी प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल करने वालों के खिलाफ सख्त नकल कानून लाने का फैसला लिया।