दिवाली से पहले मोदी सरकार ने रेलवे कर्मचारियों को दिया बड़ा तोहफा

24 सितंबर 25: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमिटी ने आज चुनावी राज्य बिहार के लिए बहुत बड़ी सौगात दी है। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में बिहार के लिए जहां एक ओर 6,014 करोड़ रुपये की लागत वाले दो बड़े बुनियादी ढांचा प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी गई वहीं, दूसरी ओर रेलवे कर्मचारियों के लिए प्रोडक्टिविटी बोनस को मंजूरी दी गई।
इसके अलावा शिपब्लिडिंग के लिए नया रिफॉर्म लाया गया है, जो करीब 70 हजार करोड़ रुपये का है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट बैठक में हुए फैसले के बारे में जानकारी दी।दिवाली से पहले ही मोदी सरकार ने रेलवे कर्मचारियों को बड़ा तोहफा देते हुए कैबिनेट की बैठक में प्रोडक्टिविटी बेस्ड बोनस की मंजूरी दी गई। अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 10.90 लाख कर्मचारियों के लिए बोनस दिया जा रहा है। कैबिनेट ने रेलवे कर्मचारियों को 78 दिनों के प्रोडक्टिविटी से जुड़े बोनस के रूप में 1865.68 करोड़ रुपये के भुगतान को मंजूरी दी है। भारतीय रेलवे कर्मचारी महासंघ (IREF) ने कहा था कि बोनस में बढ़ोतरी और मंजूरी जल्द की जानी चाहिए। अभी ₹7,000 प्रति माह के आधार पर उत्पादकता से जुड़े बोनस दिया जा रहा है, लेकिन इसे 18000 रुपये प्रति माह के आधार पर बोनस दिया जाना चाहिए।रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कैबिनेट ने भारत के जहाज निर्माण और समुद्री क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के लिए 69,725 करोड़ रुपये के रिफॉर्म पैकेज को मंजूरी दी, जिसमें जहाज निर्माण, समुद्री फंडिंग और घरेलू क्षमता को बढ़ावा देने पर केंद्रित एक व्यापक 4-स्तंभ नजरिया शामिल है।
कैबिनेट ने Bakhtiyarpur-Rajgir-Tilaiya रेलवे लाइन (104 किमी) के दोहरीकरण को 2,192 करोड़ रुपये की लागत से मंजूरी दी। यह प्रोजेक्ट बिहार के चार जिलों में फैला है और भारतीय रेलवे नेटवर्क को 104 किमी तक विस्तार देगा। यह राजगीर (शांति स्तूप), नालंदा और पावापुरी जैसे तीर्थ और पर्यटन स्थलों तक कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा।यह परियोजना बिहार के चार जिलों से होकर गुजरेगी और राजगीर के शांति स्तूप, नालंदा और पावापुरी जैसे प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों को जोड़ेगी। ये स्थान पूरे भारत से तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को आकर्षित करते हैं, और उन्नत रेलवे बुनियादी ढांचे से क्षेत्र में पर्यटन विकास को समर्थन मिलने की उम्मीद है।
इस मल्टी-ट्रैकिंग प्रोजेक्ट से लगभग 1,434 गांवों और 13.46 लाख लोगों को लाभ होगा, जिसमें गया और नवादा जैसे दो महत्वाकांक्षी जिले शामिल हैं। यह कोयला, सीमेंट, क्लिंकर और फ्लाई ऐश जैसे प्रमुख सामानों की माल ढुलाई को बेहतर बनाएगा, जिससे 26 मिलियन टन प्रति वर्ष अतिरिक्त यातायात की उम्मीद है। यह प्रोजेक्ट 5 करोड़ लीटर तेल आयात को कम करेगा और 24 करोड़ किलोग्राम CO2 उत्सर्जन को रोकेगा, जो 1 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।सरकार के बयान के अनुसार, नवादा जैसे आकांक्षी जिलों को भी सेवाएं प्रदान करेगा तथा बेहतर कनेक्टिविटी और रोजगार के अवसरों के माध्यम से स्थानीय समुदायों की मदद करेगा।
कैबिनेट की बैठक में दूसरे प्रोजेक्ट के तौर पर साहेबगंज-अरेराज-बेतिया खंड में NH-139W के 4-लेन ग्रीनफील्ड हाईवे का निर्माण को मंजूरी दी गई। इसकी कुल लंबाई 78.942 किमी और लागत 3,822.31 करोड़ रुपये है। यह हाईवे हाइब्रिड एन्युटी मोड के तहत बनाया जाएगा। यह पटना और बेतिया के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा और वैशाली, सारण, सिवान, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण जिलों से होते हुए भारत-नेपाल सीमा तक जाएगा।यह हाईवे 7 पीएम गति शक्ति आर्थिक नोड्स, 6 सामाजिक नोड्स, 8 लॉजिस्टिक नोड्स और 9 प्रमुख पर्यटन व धार्मिक केंद्रों जैसे केसरीया बुद्ध स्तूप, सोमेश्वरनाथ मंदिर, जैन मंदिर, विश्व शांति स्तूप और महावीर मंदिर को जोड़ेगा। यह 80 किमी/घंटा की गति के लिए डिजाइन किया गया है, जिससे साहेबगंज और बेतिया के बीच का सफर 2.5 घंटे से घटकर 1 घंटे का हो जाएगा।
NH-139W प्रोजेक्ट से 14.22 लाख मानव-दिवस का प्रत्यक्ष रोजगार और 17.69 लाख मानव-दिवस का अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होगा। साथ ही, कॉरिडोर के साथ आर्थिक गतिविधियों से और अवसर मिलेंगे।
यह परियोजना पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत शुरू की जा रही है, जो एकीकृत और बहु-मॉडल बुनियादी ढांचे के विकास पर केंद्रित है। समन्वित योजना और हितधारक परामर्श के माध्यम से, इस पहल का उद्देश्य रसद दक्षता में सुधार करना और लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करना है।
सरकार ने कहा कि बढ़ी हुई रेल क्षमता से भारतीय रेलवे की गतिशीलता, परिचालन दक्षता और सेवा विश्वसनीयता में सुधार होगा। भीड़भाड़ को कम करके, मल्टी-ट्रैकिंग प्रस्ताव यात्री और माल ढुलाई दोनों के लिए महत्वपूर्ण माने जाने वाले खंड पर सुचारू ट्रेन परिचालन को सक्षम करेगा।