दिल्ली में कोविड संक्रमित बच्चों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी
दिल्ली: दिल्ली में पिछले एक हफ्ते में कोविड-19 संक्रमित बच्चों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ गई है. हालांकि, ये मामले ज्यादातर हल्के ही रहे हैं. वहीं डॉक्टरों ने मोटापे, अस्थमा और अन्य इम्युनोकॉम्प्रोमाइज्ड स्थितियों से पीड़ित बच्चों के माता-पिता को चेतावनी दी है कि वे लक्षणों को नजरअंदाज न करें. अस्पतालों में चाइल्ड ओपीडी में कोविड जैसे लक्षणों वाले बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है.
डॉक्टरों ने कहा है कि एडेनोवायरस (कोविड के समान) से पीड़ित दो साल से कम उम्र के बच्चों के अस्पताल में भर्ती होने में भी बढ़ोतरी हुई है. डॉक्टर्स के अनुसार एडेनोवायरस और कोरोना वायरस के बीच बहुत बारीक अंतर है. डॉक्टरों का कहना है कि बिना टेस्ट के सामान्य सर्दी, बुखार, एडेनोवायरस और कोविड-19 के बीच अंतर को जानना मुश्किल है. बच्चों में बीमारी के लक्षणों में बुखार, नाक बहना और खांसी शामिल है, भले ही उनको कफ न हो. डॉक्टर्स का कहना है कि 48 घंटे में उनकी स्थिति में सुधार हो जाता है. 2-3 दिन में बुखार भी उतर जाता है. हालांकि, खांसी 2-3 सप्ताह तक बनी रहती है. वहीं निमोनिया आमतौर पर सामान्य और स्वस्थ बच्चों में नहीं देखा गया है.
अस्थमा सहित अन्य बीमारियों से पीड़ित बच्चों में और स्टेरॉयड या गुर्दे की बीमारी सामने आ रही है. वहीं, ल्यूकेमिया से पीड़ित बच्चों में छाती के संक्रमण के मामले देखने को मिल रहे हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि बच्चों को स्कूल में मास्क पहनना शुरू कर देना चाहिए. इसके साथ ही दिल्ली में रविवार को कोविड-19 के 699 नए मामले सामने आए. जबकि कोराना वायरस संक्रमण दर 21.15 फीसदी रही. शहर में कोविड-19 से पीड़ित चार लोगों की मौत हो गई. कोरोना से लोगों की मौत होने की घटना चिंता में डालने वाली है. दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य बुलेटिन में कहा गया कि नए मामलों के साथ दिल्ली में कोरोना वायरस के संक्रमितों की संख्या बढ़कर 20,14,637 हो गई है. जबकि मरने वालों की संख्या 26,540 हो गई है.