दंपत्ति हत्याकांड में आरोपी निकला करीबी रिश्तेदार
देहरादून 23 जून 2023 : राजधानी देहरादून के क्लेमेनटाउन थाना क्षेत्र में बीती 13 जून को हुई दंपति की हत्या मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. दंपति की हत्या का आरोपी कोई और नही, बल्कि करीबी रिश्तेदार ही निकाला, जिसने पुरानी रंजिश के चलते दंपति की हत्या की थी. पुलिस ने बताया हत्या का आरोपी मृतक का साला है. उसी ने अपनी बहन और बहनोई की हत्या की है. देहरादून एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने पूरे मामले का खुलासा किया.
एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि बीती 13 जून को क्लेमेनटाउन थाना पुलिस को सूचना मिली थी कि टर्नर रोड स्थित एक घर में से काफी बदबू आ रही है. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर देखा तो कमरे का दरवाजा बाहर के बंद था. वहीं पिछला गेट अंदर से बंद था. पुलिस ने जैसे-तैसे दरवाजे की जाली काटकर कुंडी खोली और कमरें में अंदर गई तो वहां दंपति के शव पड़े थे. दोनों के शव देखकर लग रहा था कि उनकी मौत दो से तीन पहले हुई हैं. लाशों में कीड़े पड़ चुके थे. लाशों के बीच नवजात बच्चा जीवित पड़ा हुआ था, जिसे पुलिस ने तुंरत 108 की मदद से हॉस्पिटल भिजवाया.
दंपति की शिनाख्त सहारनपुर निवासी काशिफ और उसकी पत्नी अनम के रूप में हुई, जो देहरादून के क्लेमेनटाउन थाना क्षेत्र किराए के मकान में रहते थे. परिजनों ने पुलिस को बताया कि अनम, काशिफ की दूसरी पत्नी थी. अनम ने चार दिन पहले ही एक बच्चे को जन्म दिया था. काशिफ की पहली बीबी सहारनपुर में ही रहती है.
काशिफ की पहली पत्नी ने बताया कि उसकी अपने पति से 9 जून की रात को बात हुई थी, तब उसने कहा था कि वो 10 जून को गांव आएगा, उसे किसी के पांच लाख रुपए उधार देने हैं. इससे पहले भी वो उस व्यक्ति से दो बार पैसे वापस करने के लिए समय ले चुका है. प्रथम दृष्यता परिजनों ने भी आत्महत्या का ही मामला लगा था, इसीलिए उन्होंने भी किसी पर शक नहीं जताया था, लेकिन पुलिस को कुछ मामला संदिग्ध लग रहा था, इसीलिए पुलिस ने मामले की जांच जारी रखी.
दोनों की मौत कैसे हुए इसका पता लगाने के लिए पुलिस ने एक टीम गठित की गई. इस टीम ने इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली. सीसीटीवी कैमरों में एक कार 12 जून की रात घटनास्थल पर आती और जाती हुई दिखाई दी. मृतकों के परिजनों से कार में बारे में जानकारी ली गई तो पता चला कि ये कार अशवद की है. इसके बाद पुलिस ने पूछताछ के लिए अशवद को बुलाया. उसने पुलिस को बताया कि उसकी कार 12 जून की रात को शहवाज लेकर गया था. शहवाज मृतका अनम का भाई है. पुलिस ने जब शहवाज को फोन किया था, उसका फोन बंद आ रहा था. हालांकि अगले दिन जैसे ही वो वापस लौटा तो पुलिस ने उससे पूछताछ की तो उसने बताया कि व छुटमलपुर पार्टी में गया था. इसके बाद मृतकों के परिजनों ने शहवाज पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया.
पुलिस ने जब शक के आधार पर शहवाज से पूछताछ की तो उनसे उन्हें गुमराह करने का प्रयास किया. हालांकि जब पुलिस ने सख्ती दिखाई तो उसने सारा सच पुलिस को बता दिया. शहवाज ने पुलिस को बताया कि उसने 10 जून को ही अपनी बहन अनम और बहनोई काशिफ की हत्या कर दी थी. 12 जून को वैसे ही देखने गया था कि वहां पर क्या चल रहा हैं. हत्या के बाद शहवाज ने खून से सने अपने कपड़े आशारोड़ी के जंगल फेंक दिए थे, जिन्हें पुलिस ने बरामद कर लिए है.
एसएसपी दलीप सिंह कुंवर के मुताबिक शहवाज ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वो दो भाई और एक बहन है. सबसे बड़े भाई का नाम शादाब है और बहन का नाम अनम था, जिसकी उसने हत्या कर दी है. शहवाज की मां का नान शहनाज है, जो उन्हें बचपन में ही छोड़कर चली गई थी और उन्होंने दूसरी शादी भी कर दी थी. तीनों भाई-बहन का उनके पिता ने ही पालन-पोषण किया था. शहवाज के पिता हाइड्रा चलाते थे, जिनकी मौत करीब 10 साल पहले हाइड्रा मशीन के नीचे दबने से हो गई थी. पुलिस ने बताया कि शहवाज को शक है कि उसके पिता की मौत हादसा नहीं थी, बल्कि अशजद ने उनके पिता को जानबूझकर हाईड्रा से टक्कर मारकर मारा था. अशजद उनके गांव का ही रहने वाला था और उसके बहनोई कासिफ के ताऊ का बेटा है. शहवाज ने पुलिस को बताया कि कासिफ की उन दोनों भाइयों से अच्छी दोस्ती है, वो अक्सर उनके घर आया जाया करता था.
शहवाज ने पुलिस को बताया कि उसे एक लड़की से प्यार हो गया था, जो उस समय 9वीं क्लास में पढ़ती थी, जिसे वो साल 2021 में भागकर प्रयागराज ले गया था, लेकिन लड़की के नाबालिग होने के कारण उसकी शादी नहीं हो पाई. इस मामले में नाबालिग लड़की के घर वालों ने शहवाज और उसके भाई के साथ कासिफ के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज करा दिया था. पुलिस ने शहवाज और उसके भाई को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. दोनों भाई अभी जमानत पर बाहर है.
पुलिस को जब बताया, उसके मुताबिक जब वो और उसका भाई जेल में थे, तभी कासिफ उनके घर आता-जाता था. इस दौरान कासिफ ने उनकी बहन अनम को अपने प्यार के जाल में फंसा लिया. जेल से बाहर आने के बाद उसे गांव वालों से दोनों के बारे में पता चला. शहवाज ने कासिफ को घर आने से मना कर दिया था, लेकिन कासिफ उसकी बहन की कुछ वीडियो भी बना ली थी. ऐसे में वो जैसे भी कहता उसकी बहन वैसे ही करती थी. कासिफ पहले ही शादी-शुदा था, उसके बाद भी वो उसकी बहन को भागकर ले गया और कोर्ट मैरिज कर ली. शहवाज ने कासिफ के खिलाफ सहारनपुर के नागल थाने में रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी, लेकिन उसकी बहन ने डर के मारे कासिफ के खिलाफ गवाई नहीं दी. पुलिस ने उसकी बहन को मौसे के सुपुर्द कर दिया था और मौसा ने उसका निकाह कासिफ से करा दिया.
कासिफ और अनम के निकाह से गांव में उनकी काफी बेइज्जती हुई थी, इसीलिए उसने तभी सोच लिया था कि वो कासिफ को जिंदा नहीं छोड़ेगा. प्लान के मुताबिक शहवाज ने कासिफ से दोस्ती कर ली थी और उसके घर भी आने-जाने लगा था. इसी बीच शहवाज को पता चला कि उसकी बहन अनम के नाम जो तीन बीघा जमीन थी, वे भी कासिफ ने कुछ दिन पहले गिरवी रखवा ली थी और गांव में ये बात फैला दी जमीन के आधे पैसे उसने खुद कर लिए और आधे उन्हें दे दिए. पुलिस ने बताया कि आरोपी शहवाज लगातार कासिफ को मारने का प्लान बना रहा था. इसी प्लान के तहत सात जून को कासिफ ने शहवाज को उत्तरकाशी में अपनी हाइड्रा मशीन पलटने और उसके साथ उत्तरकशी चलने की बात कहीं. सात जून को दोनों मोटरसाइकिल पर सहारनपुर से देहरादून आया और देहरादून से स्विफ्ट डिजायर से दोनों रात हो उत्तरकाशी के लिये निकले गए.
पुलिस के मुताबिक उत्तरकाशी पहुंचने पर कासिफ को अनम ने फोन कर बताया कि उसे दर्द उठ रहा हैं, फिर कासिफ ने मोहल्ले की आशा को फोन कर उसके साथ अनम को अस्पताल भेज दिया. इसके बाद दोनों उत्तरकाशी से वापस देहरादून आ गये थे. उस दिन भी में कासिफ को मारने की फिराक में था, लेकिन उस दिन अनम को पता था कि कासिफ उसके साथ गया है ,उसके बाद वह वापस अपने गांव चला गया.
देहरादून में अनम ने बच्चे को जन्म दिया तो गांव में लोग उसके मामा बनने पर तरह-तरह की बातें कर रहे थे. जिससे वह अधिक गुस्से में आ गया था और 9 जून को कासिफ को फोन कर 10 जून को उत्तरकाशी चलने की बात कहीं. 10 जून को शहवाज गणेशपुर मोहंड साइड पर अपने दोस्त के कमरे में चला गया, जहां उसने अपना फोन बंद कर दिया था और रात मे कासिफ के कमरे पर पहुंच गया.
रात के समय कासिफ और शहवाज जमीन पर सो गये और अनम ऊपर बेड मे सो रही थी. रात में मौका देख कर शहवाज किचन में गया और वहां से एक चाकू लाकर जमीन पर सोए कासिफ की गर्दन पर उससे वार कर दिया, जिससे वह बेसूध हो गया और उसकी गर्दन से काफी खून बहने लगा. इसी बीच अनम उठ गयीं और चिल्लाने लगी, जिस पर एक हाथ से उसका मुंह दबा कर दूसरे हाथ से उसका गला दबा दिया, जिससे वह भी मर गयी थी.
फिर शहवाज ने उसको भी नीचे जमीन पर लेटा दिया और दीवार पर जो खून लगा था उसे साफ किया और बच्चे को भी कासिफ के दोनो पांव के बीच मे रख दिया था. शहवाज ने सोचा था कि बच्चा खुद मर जायेगा. उसके बाद अपने कपड़े बदले और कमरे के बाहर ताला लगाकर वहां से वापस अपने दोस्त के कमरे मे आ गया. रास्ते में आशारोड़ी के जंगलो में खून लगे हुए कपड़े एक पन्नी में बांधकर फेंक दिये, फिर अपने दोस्त शुभम, जो उसे जेल मे मिला था, उसको घटना के बारे में बताया और 12 जून को शुभम को लेकर वह अशवद की गाड़ी से दोबारा टर्नर रोड से होते हुए कासिफ के कमरे पर आये और ताला खोलकर देखा तो काफी बदबू आ रही थी और बाडी फूल गयी थी. इसके बाद दोनों तालाबंद कर के वहां से मिर्जापुर वाले रास्ते से बेहट होते हुए सुबह गणेशपुर साइट पर कमरे मे पहुंच गये, जहां अशवद जगा हुआ था. अशवद के पूछने पर उसे छुटमलपुर पार्टी में जाना बताया उसके बाद वो सहारनपुर चला गया था.