जहां दवा होती है, वहां बीमार को जाना ही पड़ता है – हरीश रावत
प्रदेश के दो बड़े सियासतदां की अचानक मुलाकात ने सियासी चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया। शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज की मुलाकात की एक तस्वीर तेजी से वायरल हुई। इसके बाद चर्चाओं का दौर शुरू हो गया।
यह पहला मौका नहीं था, जब हरीश रावत पहली बार किसी भाजपा नेता से मिल रहे थे, बल्कि इस बीच करीब आधा दर्जन से अधिक नेता उनसे उनके घर पर जाकर मुलाकात कर चुके हैं। हालांकि इस मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर हरीश ने कुछ इस अंदाज में जवाब दिया कि …जहां दवा होती है, बीमार को जाना ही पड़ता है।
हरीश रावत ने कहा कि दो दिन पहले एक शादी समारोह में उनकी सतपाल महाराज से मुलाकात हुई थी। इस दौरान उन्होंने उनसे पोस्ट कोविड से संबंधित दिक्कतों के बारे में चर्चा की। इसके बाद महाराज ने उन्हें कुछ आयुर्वेदिक दवाओं के बारे में जानकारी दी। कहा कि वह खुद आकर यह दवाएं दे जाएंगे।
उन्होंने कहा कि वह क्यों आएंगे, मैं अगर बीमार हूं तो दवा लेने भी मैं खुद आऊंगा। जहां दवा होती है, वहां बीमार को जाना ही पड़ता है। इसलिए मैं खुद दवा लेने सतपाल महाराज के पास गया था। हरीश ने कहा कि इसके कोई सियासी मायने नहीं निकाले जाने चाहिए। वह महाराज का एक आध्यात्मिक पुरुष के नाते हमेशा से सम्मान करते हैं। राजनीति अपनी जगह है और व्यवहारिक संबंध अपनी जगह। महाराज खाना खाने-खिलाने के शौकिन हैं, इसलिए उन्होंने बिना खाना खिलाए आने भी नहीं दिया।