चिमटी गैंग के तीन शातिर चोरों को पुलिस ने किया गिरफ्तार,
10 जुलाई 2023 देहरादूनः अंतरराज्यीय चिमटी गैंग के 3 सदस्यों को पुलिस ने दबोचा है. तीनों आरोपियों को रायपुर पुलिस और एसओजी की टीम ने सौडा सरोली रोड से गिरफ्तार किया है. इन आरोपियों ने हरिद्वार समेत अन्य जगहों पर 4 बड़ी चोरी की घटना को अंजाम दिया था. आरोपियों के कब्जे से करीब 12 लाख रुपए के सोने के आभूषण बरामद हुए हैं. गैंग के सदस्यों पर 12 चोरियों के मुकदमे भी दर्ज हैं. दरअसल, बीती 15 मई को सोडा सरोली के राजेंद्र सिंह ने पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें उन्होंने बताया था कि 13 मई को वो परिवार के साथ अपने ससुराल रानीपोखरी गया था. जब वो 14 मई को वापस लौटे तो घर का ताला टूटा मिला. जिसे देख उनके होश उड़ गए. इसके बाद कमरे में दाखिल हुए तो अलमारी का लॉकर टूटा हुआ था. अलमारी से नगदी और ज्वैलरी भी गायब थी. जिसके बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत की. जून को नत्थूवाला ढांग के माउंट व्यू कॉलोनी निवासी देवकी देवी ने भी पुलिस में चोरी की शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में उन्होंने कहा है कि 20 जून को अपनी बेटी के घर मियांवाला गई थीं और 21 जून को अपने घर वापस आई. जब घर पहुंची तो किसी ने उनकी नगद धनराशि और सोने के आभूषण चोरी कर ली थी.
आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए चार अलग-अलग पुलिस टीमें गठित की गई. टीम ने घटनास्थल के आसपास से लेकर 5 किलोमीटर के दायरे में करीब 95 सीसीटीवी फुटेज खंगाले. घटनास्थल के पास एक सीसीटीवी फुटेज में 4 लोग घर के अंदर जाते दिखे. इसी बीच पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि गैंग जल्द ही देहरादून में दोबारा घटना को अंजाम देने की फिराक में है.जिस पर गैंग को गिरफ्तार करने थाना रायपुर पुलिस ने तीन पुलिस टीमें रायपुर में प्रवेश करने वाले बॉर्डर बालावाला, थानो और महाराणा प्रताप चौक पर तैनात की. गैंग घटना को दोबारा अंजाम देने के लिए पथरी हरिद्वार से चलकर भानियावाला-जौलीग्रांट से होते हुए थानो के रास्ते जैसे ही सोडा सरोली रायपुर पहुंचे. जहां पूर्व में ही गठित पुलिस टीम ने गैंग के तीन सदस्यों फौजी नाथ उर्फ चिमटी नाथ, विक्की और कांता को गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों के कब्जे से 12 लाख रुपए के सोने के आभूषण बरामद किया गया. देहरादून एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बताया है कि आरोपी फौजी, विक्की और कांता घोसीपुरा थाना पथरी, हरिद्वार स्थित सपेरा बस्ती के निवासी हैं. आरोपी नींबू मिर्ची बेचने और शनि दान मांगने के लिए उत्तराखंड के देहरादून, हरिद्वार, कोटद्वार, नैनीताल, उधम सिंह नगर समेत उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा आदि राज्यों के विभिन्न स्थानों में जाकर गली मोहल्ले में घूमा करते थे. इसी की आड़ में घूम घूमकर बंद घरों की रेकी करते थे. इन्होंने अपने गैंग का नाम चिमटी गैंग रखा है. रेकी करने के बाद अपने गैंग के साथ जानकारी साझा कर एक निश्चित प्लान के तहत रात में चिन्हित स्थानों और घरों का ताला तोड़कर ज्वैलरी व नकदी उड़ा लेते थे. आरोपी कई राज्यों में चोरी की घटना को अंजाम दे चुके थे. जिसमें वो कई बार जेल की हवा भी खा चुके हैं. घटना को अंजाम देने के वक्त मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करते थे. साथ ही जिन मोबाइलों का इस्तेमाल करते थे, उसमें ज्यादा दिनों तक किसी एक नंबर को नहीं रखते थे. वहीं, रेकी के दौरान रेकी के दौरान सुनसान स्थानों या जंगल, नालों, नदियों से सटे मकानों को अपना टारगेट बनाते थे. घटना के दौरान अपनी मोटर साइकिल घटना करने वाली जगह से काफी दूर खड़ी कर देते थे. जिससे आने जाने का पता किसी को न लग सके. घटना को अंजाम देने के लिए आरोपी मुख्य मार्गों का इस्तेमाल नहीं करते थे. इसके लिए वो जंगल और नदी नालों के रास्तों का इस्तेमाल करते थे.