केंद्र सरकार ने बदले सरकारी संस्थानों के नाम, PMO अब ‘सेवा तीर्थ’
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा प्रशासनिक और सांस्कृतिक बदलाव करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) का नाम बदलकर ‘सेवा तीर्थ’ कर दिया है। इसके साथ ही देश के सभी राज्य भवन अब ‘लोक भवन’ कहलाएंगे और केंद्रीय सचिवालय का नया नाम ‘कर्तव्य भवन’ होगा।
‘सत्ता से सेवा’ की सोच
सरकारी सूत्रों के अनुसार, यह बदलाव केवल नाम का नहीं बल्कि एक सांस्कृतिक परिवर्तन का हिस्सा है। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से कहा गया कि सरकार ‘सत्ता से सेवा’ की सोच की ओर बढ़ रही है। अधिकारियों ने बताया कि सेवा तीर्थ ऐसा कार्यस्थल होगा जिसे सेवा की भावना के साथ डिजाइन किया जा रहा है और जहां देश की प्रमुख नीतियां और प्राथमिकताएं तय होंगी।
नई व्यवस्था
- एग्जीक्यूटिव एन्क्लेव में अब प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ कैबिनेट सचिवालय, नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल सचिवालय और इंडिया हाउस के दफ्तर होंगे।
- यह परिसर विदेशी मेहमानों के साथ हाई-लेवल मीटिंग्स के लिए भी इस्तेमाल किया जाएगा।
राज भवन से ‘लोक भवन’
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बताया कि पिछले साल राज्यपालों के सम्मेलन में यह चर्चा हुई थी कि ‘राज भवन’ नाम औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाता है। इसलिए अब राज्यपालों और उप-राज्यपालों के कार्यालयों को ‘लोक भवन’ और ‘लोक निवास’ कहा जाएगा।
पहले भी हुए नाम परिवर्तन
- राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ किया गया।
- प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास रेस कोर्स रोड का नाम 2016 में लोक कल्याण मार्ग रखा गया।
👉 यह बदलाव सरकार की उस सोच को दर्शाता है जिसमें प्रशासनिक संस्थानों को सेवा और कर्तव्य की भावना से जोड़ा जा रहा है।
