एक ही कहानी में दस देवी अवतारों का किरदार निभाना चुनौतीपूर्ण तो है, लेकिन रचनात्मक रूप से संतोषजनक भी है- शिव्या पठानिया
एण्डटीवी के ‘बाल शिव‘ में एक जबरदस्त मोड़ आने वाला है, जिसमें दस महाविद्याएं‘ शीर्षक की आगामी भव्य कहानी के माध्यम से शिव्या पठानिया द्वारा अभिनीत देवी पार्वती के दस देवी अवतारों को दिखाया जायेगा। इस अवसर पर शिव्या पठानिया ने दस देवी अवतारों की भूमिका निभाने के अपने अनुभव के बारे में बात की।
हमें आगामी कहानी के बारे में बतायें, जिसमें हम आपको दस देवी अवतारों का किरदार निभाते देखेंगे?
दस महाविद्याओं की कहानी दस देवी अवतारों पर आधारित है, जो देवी पार्वती के ही रूप हैं। इसकी शुरूआत मां काली के साथ होती है, जो मृत्यु, समय एवं परिवर्तन की देवी है और जिसे उनके भयंकर तथा दमदार व्यक्तित्व के लिये जाना जाता है। उसके बाद देवी तारा की कहानी दिखाई जायेगी, जो महाबुद्धि की देवी है और इसी तरह अन्य अवतारों की कहानी प्रदर्शित की जायेगी। इनमें शामिल हैं, देवी कमला- जोकि अपनी सौम्यता के लिये जानी जाती हैं और जिन्हें संपत्ति, भाग्य, शक्ति, सौंदर्य, उर्वरता और समृद्धि की देवी माना जाता है; देवी त्रिपुरा सुंदरी- जो देवी पार्वती का प्रशंसित रूप है और जिसे राजराजेश्वरी, शोदाशी, कामाक्षी और ललिता के रूप में भी जाना जाता है। इनके अलावा अन्य देवियां हैं- देवी भुवनेश्वरी- मां दुर्गा का एक रूप, देवी छिन्नमस्ता- विरोधाभासों की देवी जोकि देवी के दोनों पहलुओं – जीवनदायिनी एवं जीवन लेने वाली का प्रतीक हैं, देवी भैरवी- जोकि भैरव की पत्नी हैं, देवी धुमावती- जिन्हें अक्सर एक अश्वहीन रथ पर सवार अथवा एक कौए पर विराजमान वृद्ध विधवा के रूप में दिखाया जाता है, देवी बगलामुखी- जिनके तीन नेत्र हैं और जो इस बात का प्रतीक हैं कि वो अपने भक्तों को परम ज्ञान दे सकती हैं तथा देवी मातंगी- जिन्हें संगीत और ज्ञान की देवी माना जाता है।‘‘
परदे पर देवियों का किरदार निभाना कितना चुनौतीपूर्ण होता है?
मैंने हमेशा ही इस बात को अपना सौभाग्य माना है कि मुझे परदे पर देवी पार्वती की भूमिका निभाने का मौका मिला। ऐसा बहुत कम ही होता है, जब किसी कलाकार को एक ही कहानी में दस अलग-अलग देवी अवतारों को निभाने का मौका मिला हो। हर अवतार की एक महान गाथा और एक बिल्कुल अलग लुक है, जिसे देखकर दर्शकों को बहुत मजा आयेगा और यह उनके लिये एक रोमांचक अनुभव भी होगा। मेकअप और काॅस्ट्यूम्स के अलावा, मुझे अपनी अभिव्यक्ति और डायलाॅग्स पर भी बहुत काम करना पड़ा और हर देवी कहानी के समझना पड़ा ताकि मैं बेहद खूबसूरती और आसानी से उसे परदे पर उतार पाऊं। बहुत अच्छी तरह से लिखी गई स्क्रिप्ट और क्रिएटिव टीम एवं डायरेक्टर द्वारा उसे बारीकी से समझाये जाने से मुझे सभी रूपों को एकदम सही तरीके से और दृढ़तापूर्वक निभाने में मदद मिली।
इन रूपों को धारण करने की प्रक्रिया के बारे में हमें बतायें?
दस महाविद्याओं के हर लुक या अवतार में आने के लिये काफी समय और ढेर सारा प्रयास लगता है। लेकिन यह मेहनत रंग लाई है और मुझे इससे बहुत कुछ सीखने को भी मिला। मैंने जब भी किसी देवी के किरदार को परदे पर निभाया, मुझे अपने अंदर एक अलौकिक अनुभूति का अहसास हुआ, जिससे मुझे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने और हर किरदार को बेहद खूबसूरती के साथ परदे पर उतारने का आत्मविश्वास भी मिला। लेखक, निर्देशक, क्रिएटिव टीम, काॅस्ट्यूम डिजाइनर, मेकअप आर्टिस्ट सहित पूरी टीम ने देवी अवतारों को इतनी भव्यता के साथ परदे पर उतारने के लिये काफी मेहनत से काम किया है।
आपको कौन सा अवतार निभाना सबसे ज्यादा दिलचस्प लगा?
हर अवतार की एक महान गाथा और एक बिल्कुल अलग लुक है, जिसे देखकर दर्शकों को बहुत मजा आने वाला है और यह उनके लिये एक रोमांचक अनुभव भी होगा। मुझे दस महाविद्याओं की पूरी कहानी में ही बहुत आनंद आया और मुझे पूरा भरोसा है कि दर्शकों को भी यह कहानी पसंद आयेगी।
मेकअप और काॅस्ट्यूम के अलावा हर किरदार को निभाने के लिये आपने क्या तैयारियां की?
मेकअप और काॅस्ट्यूम्स के अलावा, मुझे अपने हाव-भाव और डायलाॅग्स पर काफी मेहनत करनी पड़ी, जिससे वाकई में मेरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देने में मुझे मदद मिली। मुझे हर अवतार की कहानी को भी गहराई से समझना पड़ा। इसके अतिरिक्त, इन अवतारों का रूप धारण करने के लिये मानसिक तौर पर भी कुछ तैयारियां करनी पड़ी, जिसने मेरे परफाॅर्मेंस के निखारा। ऐसा बहुत कम ही होता है, जब किसी को एक ही कहानी में दस अलग-अलग देवी स्वरूपों को दिखाने का मौका मिलता है। यह एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है और चुनौतीपूर्ण भी है, लेकिन साथ ही रचनात्मक तौर पर संतुष्टि का अनुभव भी होता है।
शिव्या पठानिया को ‘बाल शिव‘ के ‘दस महाविद्या‘ स्पेशल एपिसोड्स में दस देवी अवतारों का किरदार निभाते देखिये, रात 8ः00 बजे, हर सोमवार से शुक्रवार, सिर्फ एण्डटीवी पर!