उत्तराखंड विधानसभा से पारित यूसीसी विधेयक राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा
समान नागरिक संहिता बिल विधानसभा से पास होने के बाद राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।राष्ट्रपति से मंजूरी के बाद ये बिल राज्यपाल को भेजा जाएगा।फिर राजभवन इसे कानून के रूप में लागू करने की सिफारिश करेंगे। इस प्रक्रिया में कितना समय लगेगा। ये अभी साफ नहीं है। हालांकि जिस तरह से धामी सरकार यूसीसी को लागू करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है, उससे साफ है कि जल्द ही इस पूरी प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा।
माना जा रहा है कि भाजपा सरकार इसे लोकसभा चुनाव से पहले लागू करवाना चाहती है। जिसके जरिए सरकार जनता के बीच में अपने किए वायदे को पूरा करने को लेकर जोर दे सके। साथ ही इसका सियासी लाभ भी लिया जा सके।उत्तराखंड विधानसभा से पारित यूसीसी विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। ये जानकारी खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दी। धामी ने कहा कि संवैधानिक प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए इसे जल्द ही राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। सीएम ने कहा है कि समान नागरिक संहिता, यूसीसी विधेयक उत्तराखंड 2024 को विधानसभा में पारित होने पर समस्त प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि यह उत्तराखण्ड के लिए ऐतिहासिक पल है जब देवभूमि के सदन से देश के पहले समान नागरिकता कानून को मंजूरी मिली है। उन्होंने कहा कि संवैधानिक प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए इसे जल्द ही राष्ट्रपति को भेजा जाएगा।विधानसभा के दौरान 12 फरवरी 2022 को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश की जनता से समान नागरिक संहिता कानून को प्रदेश में लागू करने का वायदा किया था। सरकार आते ही धामी ने सबसे पहले कैबिनेट बैठक में यूसीसी लागू करने का अपना संकल्प दोहराया और इसके लिए ड्राफ्रट कमेटी बना दी। ड्राफ्रट कमेटी ने 20 माह में यूसीसी का ड्राफ्रट तैयार किया।
इसके बाद दो फरवरी को ड्रा्रफ्रट कमेटी ने इसका मसौदा सीएम धामी को सौंपा। इसके बाद मंत्रिमंडल ने इसे मंजूरी दी। जिसके बाद 6 फरवरी को इस विधेयक को सदन में रखा गया। 7 फरवरी को सदन ने यूसीसी विधेयक पास कर दिया। अब इसे राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। राज्यपाल इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजेंगे। ये प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद यूसीसी कानून के रूप में लागू हो जाएगा।