उत्तराखंड में योग और ध्यान केंद्रों को मिलेगी बढ़ी हुई सुविधाएं-योग और वेलनेस पर्यटन को मिलेगी नई दिशा

उत्तराखंड सरकार ने योग और ध्यान केंद्रों को बढ़ावा देने के लिए एक नई नीति की घोषणा की है। इस नीति के तहत पहाड़ी क्षेत्रों में 20 लाख रुपये तक और मैदानों में 10 लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी। उद्देश्य यह है कि राज्य को योग और वेलनेस की वैश्विक राजधानी के रूप में विकसित किया जाए।
सरकार ने योग पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय योग और आध्यात्मिक केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई है। इन केंद्रों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए योग संस्थानों के लिए नियम और दिशा-निर्देश तैयार किए जाएंगे।
जागरूकता और शिक्षा में होगा सुधार
राज्य सरकार योग को आम जन तक पहुंचाने के लिए विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन करेगी। इसके अलावा, स्कूलों और कॉलेजों के पाठ्यक्रम में योग को शामिल किया जाएगा। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के सहयोग से योग के क्षेत्र में क्षमता निर्माण किया जाएगा।
2030 तक बनेंगे पांच नए योग हब
उत्तराखंड में 2030 तक जागेश्वर, मुक्तेश्वर, व्यास घाटी, टिहरी झील और कोलीटेक झील को योग हब के रूप में विकसित किया जाएगा। इन क्षेत्रों में विकसित होने वाले योग केंद्रों को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी।
सरकार ने मार्च 2026 तक राज्य के सभी आयुष हेल्थ और वेलनेस सेंटर्स में योग सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा है। साथ ही, समुदाय आधारित माइंडफुलनेस कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे, जो विभिन्न आयु, लिंग और वर्ग की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किए जाएंगे।
इस पहल से उत्तराखंड में योग पर्यटन और वेलनेस इंडस्ट्री को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने की उम्मीद है।