उत्तराखंड में सरकारी कर्मचारियों, सेना के अधिकारियों, जवानों, 80 साल से अधिक आयु वाले बुजुर्गों और दिव्यांगों ने भी विधानसभा चुनाव में भाजपा को खूब पसंद किया। एक लाख सात हजार से अधिक पोस्टल बैलेट के वोटों में से सबसे ज्यादा भाजपा को, दूसरे नंबर पर कांग्रेस और तीसरे नंबर पर आम आदमी पार्टी रही है।
उत्तराखंड की कई विधानसभा सीटों पर इस बार टक्कर इतनी नजदीकी थी कि अल्मोड़ा जैसी कई विधानसभा सीटों पर पोस्टल बैलेट के वोटों ने हार-जीत तय की है। एक लाख सात हजार से ज्यादा मत पोस्टल बैलेट से वोट पड़े थे। इनमें भाजपा को 42 हजार 593 वोट पड़े हैं जबकि कांग्रेस को 33 हजार 504 वोट पड़े हैं।
अल्मोड़ा : यहां दोनों प्रत्याशियों के बीच हार-जीत का अंतर 127 वोटों का रहा है। कांग्रेस के मनोज तिवारी ने भाजपा के कैलाश शर्मा को हराया है। इस सीट पर कांग्रेस को 747 और भाजपा को 579 पोस्टल बैलेट से वोट पड़े हैं।
श्रीनगर : यहां भाजपा के डॉ. धन सिंह रावत और कांग्रेस के गणेश गोदियाल के बीच 587 मतों के अंतर से हार-जीत हुई है। यहां भाजपा को 795 और कांग्रेस को 455 वोट पड़े हैं। यानी अगर यहां कांग्रेस को ज्यादा पोस्टल बैलेट मिलते तो नतीजे कुछ और हो सकते थे।
बदरीनाथ : यहां कांग्रेस के राजेंद्र भंडारी ने भाजपा के महेंद्र भट्ट को 2066 वोटों के अंतर से हराया है। इस सीट पर कांग्रेस को 1223 और भाजपा को 1204 पोस्टल बैलेट से वोट पड़े हैं।
टिहरी : यहां भाजपा के किशोर उपाध्याय ने उत्तराखंड जनएकता पार्टी के दिनेश धनै को 951 वोटों से पराजित किया है। इस सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी धन सिंह नेगी तीसरे स्थान पर रहे हैं। यहां भाजपा को 611, कांग्रेस को 236 ओर दिनेश धनै को 451 पोस्टल बैलेट के वोट पड़े हैं। यानी डाकमत पत्र यहां नतीजे बदल सकते थे।
द्वाराहाट : इस सीट पर कांग्रेस के मदन सिंह बिष्ट ने भाजपा के अनिल शाही को 366 वोटों के नजदीकी अंतर से हराया है। इस सीट पर कुल 1004 पोस्टल बैलेट थे, जिनें से 484 भाजपा को, 300 कांग्रेस को और 166 यूकेडी के पुष्पेश त्रिपाठी को मिले हैं। यहां पोस्टल बैलेट से नतीजे बदल सकते थे।
धारचूला : इस सीट पर काग्रेस के हरीश धामी ने भाजपा के धन सिंह धामी को 1128 वोटों के नजदीकी अंतर से हराया है। इस सीट पर कुल 1626 पोस्टल बैलेट थे, जिनमें से भाजपा को 821 और कांग्रेस को 705 मिले हैं। यहां नतीजे बदल सकते थे।