इस पृथ्वी लोक पर सतगुरु साक्षात ईश्वर के प्रतिनिधि के रूप में अवतरित होते हैं गुरुदेव धर्म कर्म पूजा पाठ यज्ञ अनुष्ठान के माध्यम से हमें कल्याण का मार्ग दिखाते हैं : महंत हरिहरानन्द महाराज
हरिद्वार 27 दिसंबर 2024 (वरिष्ठ पत्रकार ठाकुर मनोजानन्द) श्री विशुद्ध आश्रम भूपतवाला में परम पूज्य गुरुदेव स्वामी विशुद्धानन्द महाराज तथा अन्य गुरुदेव गुरु भगवान की पावन स्मृति में एक विशाल संत समागम आयोजित किया गया इस अवसर पर बोलते हुए श्री महंत रवि देव वेदांताचार्य महाराज ने कहा गुरु साक्षात इस सृष्टि में ज्ञान के देवता के रूप में अवतरित होते हैं वे अपने ज्ञान रूपी दर्पण के माध्यम से हमारा संपूर्ण जीवन चरित्र एक पल में बदल कर रख देते हैं गुरु की महिमा इस संसार में बड़ी ही अपरम्पार है भवसागर की नैया के गुरु ही तारणहार है गुरु बिना ज्ञान नहीं गुरु बिना कल्याण नहीं और गुरु बिना गति नहीं इसलिये हे भक्तजनों अपने सतगुरु के बतायें मार्ग पर चलो सतगुरु ही आपको उंगली पड़कर भवसागर पार कर आयेगे इस अवसर पर बोलते हुए महंत हरिहरानन्द महाराज ने कहा इस पृथ्वी लोक पर सतगुरु साक्षात ईश्वर के प्रतिनिधि के रूप में अवतरित होते हैं गुरुदेव धर्म कर्म पूजा पाठ यज्ञ अनुष्ठान के माध्यम से हमें कल्याण का मार्ग दिखाते हैं इस अवसर पर बोलते हुए महंत दिनेश दास महाराज ने कहा सतगुरु इस पृथ्वी लोक पर साक्षात ज्ञान की गंगा है उनके ज्ञान रूपी सरोवर में स्नान करने के बाद हम शिष्यों व भक्तों का जीवन धन्य हो जाता है इस अवसर पर बोलते हुए श्री महंत राम मुनि जी महाराज ने कहा मन चंगा तो कटौती में गंगा अगर आपके मन में दूसरों के प्रति श्रद्धा भाव दया भाव और समर्पण भाव है तो आपको कटौथी के अंदर भी गंगा का अनुभव होगा जिसका मन सुंदर उसका तन-सुंदर जिसका तन सुंदर उसका जग सुंदर गुरु के बिना मनुष्य जीवन पशु सामान है गुरुजनों से प्राप्त होने वाले ज्ञान से मनुष्य सही समय पर बुलंदियों के शिखर पर पहुंचता है गुरु हमारे ज्ञान के चक्षुओं को खोल देते हैं गुरु साक्षात ईश्वर के स्वरूप है ऐसे सतगुरु के चरणों में हम बार-बार दंडवत प्रणाम करते हैं उन्हें शत-शत नमन करते इस इस अवसर पर ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर परम पूज्य 1008 श्री श्री श्याम सुंदर दास जी महाराज की पावन कीर्ति को भी याद किया गया उनकी बात में दम हुआ करता था और उनके ज्ञान में कल्याण हुआ करता था परम पूज्य महामंडलेश्वर श्याम सुंदर दास जी महाराज इस हरिद्वार में भक्तों के लिए ज्ञान का एक विशाल सागर हुआ करते थे उनका ज्ञान आज भी सारस्वत है श्री गरीब दासी आश्रम के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर श्याम सुंदर दास महाराज इस पावन धरा पर संतो के भी सच्चे मार्गदर्शक हुआ करते थे उनका ज्ञान आज भी भक्तों तथा उनके शिष्यों में विद्यमान है उनकी छवि उनके शिष्य महंत रवि देव वेदांताचार्य महंत दिनेश दास महाराज महंत स्वामी हरिहरानंद महाराज वह अन्य भक्तों में देखने के लिए मिलती है उनके दिये गये कल्याणकारी सारस्वत ज्ञान को कोई अपने मस्तिष्क पटल से मिटा नहीं पायेगा उनका भावपूर्ण है इस हमारे मन मस्तिष्क को पावन कर देता है अवसर पर बोलते हुए महंत महंत सूरज दास महाराज दास ने कहां जब पत्थरों पर राम नाम लिखने से पत्थर तैर सकते हैं तो राम नाम की गाथा गाने से हमारे इस मानव जीवन का भी उध्दार हो सकता है कहते हैं राम से बड़ा राम का नाम राम नाम की नैना में सवार होकर यह अपना मानव जीवन धन्य कर लो श्री रामायण जी श्री राम चरित्र मानस जैसे पावन कल्याणकारी कथा का श्रवण करने मात्र से यह है मानव जीवन सार्थक हो जाता है और हमारा लोक और परलोक दोनों सुधर जाते हैं इस अवसर पर बोलते हुए विशुद्ध आश्रम स्वामी विशुद्धानंद आश्रम की श्री महंत साध्वी रत्नों देवी ने कहा मे अपने परम पूज्य गुरुदेव स्वामी विशुद्धानंद महाराज के बतायें मार्ग पर चल रही हूं और सबर रख कर उनके आदेश का पालन कर रही हूं मेरे गुरुदेव ने कहा था की मनुष्य को साध्वी माता शबरी से सब्र की शिक्षा लेनी चाहिये अगर सबर रखना है तो सब कुछ उसी में समाहित है माता शबरी जिन्हें भिलनी भी कहा जाता है उन्होंने अपने गुरु मतंग ऋषि के कहने पर सदियों तक इस पृथ्वी लोक पर रहकर वन के बीच कुटिया में रहकर भगवान राम की प्रतीक्षा की और हर रोज कुटिया की ओर आने वाले मार्ग को फूलों से सजाकर भगवान राम का इंतजार किया एक दिन उनका इंतजार पूरा हुआ और भगवान राम साक्षात उन्हें दर्शन देने के लिये उनकी कुटिया में पधारे और माता शबरी के झूठे बेर खाकर भगवान और भक्त की सच्ची मनो इच्छा को पूर्ण किया कहने का मतलब यह है की जीवन में सब्र बहुत बड़ी चीज होता है सब्र रखो साधना करो व मेहनत करो ईश्वर में आस्था रखो आपकी जीवन की सभी मनो इच्छाएं भगवान हरि पूर्ण करेंगे इस अवसर पर महंत रतन देवी महाराज महंत सूरज दास महाराज महंत दिनेश दास महाराज स्वामी गणेशानंद महाराज महंत स्वामी जमुना दास महाराज स्वामी अरूणानंद महाराज साध्वी माता महंत राम योगी महाराज महंत सुधा योगी महाराज बाबा हठयोगी महाराज रामदास महाराज महंत शांति प्रकाश महाराज स्वामी कृष्ण देव महाराज महंत केशवानंद महाराज महंत रवि देव महाराज स्वामी रविंद्र दास महाराज श्री गुरविंदर दास श्री संजय दास महाराज प्रधान हरदयाल सुरेंद्र कुमार होरी सुभाष चंद्र सिंह महेंद्र स्वामी हरिहरानन्द महाराज श्री गुरिंदर सिंह श्रीमती अजीत कौर श्री सरजीत सिंह जसप्रीत सिंह श्रीमती संतोष शैली सृष्टि श्याम गिरी महाराज धर्मदास महाराज प्रधान हरदयाल सुरेंद्र सुभाष कोतवाल कमल मुनि महाराज सहित भारी संख्या में भक्ता तथा संत महापुरुष उपस्थित थे