आज बजट से पहले पेश होगा आर्थिक सर्वेक्षण-2022

केंद्र सरकार आज से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र
में आर्थिक सर्वेक्षण-2022 पेश करने जा रही है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण केंद्रीय बजट 2022
23 पेश करने के एक दिन सोमवार को इसे प्रस्तुत
करेंगी।
इसके बाद नवनियुक्त मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करेंगे। आइये जानते हैं आम बजट से पूर्व आर्थिक सर्वेक्षण क्यों पेश किया जाता है।
आर्थिक सर्वेक्षण एक तरह से देश की अर्थव्यवस्था का सालाना रिपोर्ट कार्ड होता है। इसमें बीत रहे वित्तीय वर्ष में अर्थव्यवस्था के प्रत्येक क्षेत्र के प्रदर्शन का परीक्षण होता है और सरकार के भावी कदमों को लेकर सुझाव दिए जाते हैं। इसमें देश की आर्थिक विकास दर (GDP growth) को लेकर भी अनुमान व्यक्त किया जाता है।
आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 में अगले वित्त वर्ष की जीडीपी दर नौ फीसदी रहने का अनुमान जताया जा सकता है। आमतौर पर आर्थिक सर्वेक्षण दो खंड़ों में होता है। पहले खंड में नीतिगत सलाहें होती हैं। संभवत: इस साल यह पेश नहीं किया जाएगा। दूसरे खंड में अर्थव्यवस्था का क्षेत्रवार विश्लेषण व आकलन होता है।
यह देश की सकल आर्थिक स्थिति का ब्योरा होता है। इसे पढ़ना आर्थिक क्षेत्र के जानकारों व अर्थशास्त्र के विद्यार्थियों के लिए लाभप्रद होता है। यह अर्थव्यवस्था की एक बुनियादी झलक दिखाने वाली पुस्तक होती है।
ये सर्वेक्षण एक केंद्रीय विषय या थीम पर आधारित होते हैं। पिछले साल इसका केंद्र बिंदु ‘जीवन व आजीविका बचाना’ था। 2017-18 का आर्थिक सर्वेक्षण गुलाबी था, क्योंकि इसका मुख्य विषय महिला सशक्तिकरण था।
देश का पहला आर्थिक सर्वेक्षण 1950-51 में पेश किया गया था। केंद्रीय बजट के एक दिन पूर्व इसे पेश करने का सिलसिला 1964 से शुरू हुआ था।
सरकार के लिए आर्थिक सर्वेक्षण पेश करना अनिवार्य नहीं है। इसके पहले खंड में की जाने वाली सिफारिशें भी सरकार के लिए बाध्यकारी नहीं हैं।