मां पूर्णागिरि धाम में भंडारे को प्रशासन ने किया शुल्क मुक्त
मां पूर्णागिरि धाम के सरकारी मेले में अब भंडारा कराने के लिए श्रद्धालुओं को भंडारा कराने के लिए उन्हें किसी भी तरह का शुल्क नहीं देना होगा. होली बाद नौ मार्च से मां पूर्णागिरि धाम में शुरू हो रहे मेले में भंडारे का आयोजन होता है। जिला पंचायत की ओर से संचालित मेले में भंडारा कराने के लिए मुख्य रूप से यूपी के तिलहर, शाहजहांपुर, बदायूं, बरेली, हरदोई, सीतापुर, लखनऊ, मेरठ सहित कई स्थानों से श्रद्धालु पहुंचते हैं।
हर साल 200 से अधिक देवी भक्त भंडारा कराते हैं। मंदिर समिति के अध्यक्ष पंडित किशन तिवारी ने बताया कि भंडारे के लिए 500 रुपये लिए जाते थे, अब प्रशासन ने भंडारे को शुल्क मुक्त कर दिया है। पंडित मोहन पांडेय बताते हैं कि अन्नदान के रूप में किए जाने वाले भंडारे का उल्लेख पुराणों में है। पहले गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र बांटा करते थे जो धीरे-धीरे भंडारे के रूप में परिवर्तित हो गई। नौ मार्च से शुरू होने वाले मां पूर्णागिरि मेले की सुरक्षा व्यवस्था सीसीटीवी की निगरानी में रहेगी। इसके लिए भैरव मंदिर के पास जमरानी से लेकर मुख्य मंदिर तक सीसीटीवी लगाए जाएंगे। बुधवार को पूर्णागिरि धाम में हुई बैठक में एसपी देवेंद्र पींचा ने कहा कि धाम के तीन थानों ठुलीगाड़, भैरव मंदिर और काली मंदिर क्षेत्र की पुलिस चौकी में एक मार्च से पुलिस बल की तैनाती हो जाएगी जबकि समूचे पुलिस बल की तैनाती आठ मार्च तक होगी।
धाम में नागा क्षेत्र से टुन्नास तक एक किलोमीटर क्षेत्र में डिवाइडर बनाए जाएंगे। मंदिर समिति ने ठुलीगाड़ से भैरव मंदिर के बीच 30-40 से अधिक टैक्सियों का संचालन नहीं करने की बात कही। श्रद्धालुओं के साथ खींचतान करने वाले दुकानदारों को चिह्नित कर कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया। बैठक में टनकपुर के सीओ अविनाश वर्मा, कोतवाल चंद्रमोहन सिंह, बनबसा के थानाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह जग्वाण, बूम चौकी प्रभारी सोनू सिंह, मंदिर समिति के अध्यक्ष किशन तिवारी, उपाध्यक्ष नीरज पांडेय, सचिव सुरेश तिवारी और कोषाध्यक्ष नवीन तिवारी, पूर्व अध्यक्ष भुवन पांडेय, नेत्र बल्लभ तिवारी, राजेंद्र तिवारी, बबलू तिवारी, कैलाश पांडेय आदि मौजूद थे।