बुआ और मुख्यमंत्री धामी मामा के रूप में बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने का काम कर रहे हैं : रेखा आर्या

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 देहरादून:  कोविड के दौरान कोरोना महामारी समेत अन्य बीमारियों से अपने माता-पिता व संरक्षक खो चुके बच्चों की देखभाल एवं पुनर्वास के लिए सरकार ने मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना शुरू की है। योजना के तहत 5747 बच्चों के खातों में हर महीने तीन हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है लेकिन पिछले चार महीने से बच्चों को आर्थिक सहायता राशि नहीं मिल पाई थी।

मंत्री रेखा आर्या ने अपने कैंप कार्यालय में मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के लाभार्थियों के लिए सहायता राशि जारी की। मंत्री ने कहा कि वह बुआ और मुख्यमंत्री धामी मामा के रूप में बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने का काम कर रहे हैं। बच्चों को यह चिंता करने की जरूरत नही है कि अब उनका क्या होगा क्योंकि वह स्वयं एक अभिभावक के रूप में उनके साथ खड़ी हैं। उनका प्रयास रहेगा कि हर बच्चे को इसका लाभ मिले इसके लिए सभी अधिकारियों को निर्देश दिया गया है।

इन अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी का पालन करने को भी कहा गया है। विभागीय मंत्री ने बताया कि योजना के तहत अनाथ बच्चों को 21 वर्ष की आयु तक हर महीने तीन हजार रुपये की आर्थिक सहायता महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग के जरिये दी जा रही है।

इसके साथ ही ऐसे बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा, खाद्य सामग्री, कौशल विकास, स्वास्थ्य सुविधा, शासकीय सेवाओं में क्षैतिज आरक्षण समेत अन्य प्रावधान भी किए गए हैं। कार्यक्रम में निदेशक महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास प्रशांत आर्य, मुख्य परिवीक्षा अधिकारी मोहित चौधरी,उप मुख्य परिवीक्षा अधिकारी अंजना गुप्ता आदि मौजूद रहे। मंत्री रेखा आर्या ने कहा, मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के तहत 3000 रुपये प्रतिमाह की दर से डीबीटी के माध्यम से माह मार्च 2024 के कुल 5868 लाभार्थियों, अप्रैल 2024 के 5805 लाभार्थियों एवं मई 2024 में 5771 लाभार्थियों को एवं माह जून 2024 में 5747 लाभार्थियों को कुल 695.73 लाख की धनराशि हस्तांतरित की।इन बच्चों के लिए मेरे घर के दरवाजे हमेशा खुले हैं। आप जब चाहें तब अपनी बुआ के घर आ सकते हैं। आपने कोई अच्छी पेंटिंग बनाई या पुरस्कार जीता तो आप मुझे बता सकते हैं। आपकी खुशी में मेरी खुशी है।

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