जबरन धर्मांतरण का मुद्दा देश के लिए बेहद गंभीर मामला – Himkelahar – Latest Hindi News | Breaking News in Hindi

जबरन धर्मांतरण का मुद्दा देश के लिए बेहद गंभीर मामला

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देहरादून/दिल्ली| सांसद राज्य सभा उत्तराखंड नरेश बंसल ने आज संसद के उच्च सदन राज्य सभा मे जबरन धर्मांतरण का मुद्दा उठाया। सासंद बंसल ने कहा कि ये बेहद गंभीर मामला है और फिलहाल देश में जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए कोई कानून नहीं है,इसलिए देशव्यापी कानून बनाने के लिए आवश्यकता है।

सांसद नरेश बंसल ने स्पेशल मेनशन मे कहा कि लालच,धोखा या बलपूर्वक किया जाने वाला धर्मांतरण खतरनाक और बहुत ही गंभीर मुद्दा है।सासंद बंसल ने कहा कि इस प्रकार का धर्मांतरण नहीं रोका गया,तो जटिल स्थिति पैदा हो सकती है।
बंसल ने कहा कि जबरन धर्मांतरण राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ ही यह नागरिकों के धर्म और अंतरात्मा की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार के लिए खतरा बन सकता है।अगर इन पर रोक नहीं लगाई गई,तो जल्द ही भारत में हिंदू अल्पसंख्यक हो जाएंगे।।
सांसद ने कहा कि देश में काला जादू, अंधविश्वास,चमत्कार आदि के जरिये जबरन धर्म परिवर्तन की घटनाएं हर हफ्ते सामने आती हैं तथा एक भी जिला ऐसा नहीं है,जो धोखाधड़ी व धमकी से हो रहे धर्मांतरण से मुक्त हो।
सांसद राज्य सभा नरेश बंसल ने संसद मे कहा कि धर्म की आजादी हो सकती है,लेकिन जबरन धर्म परिवर्तन की कोई स्वतंत्रता नहीं है।
सासंद बंसल ने सदन का ध्यान आकर्षित किया कि आदिवासी बहुल इलाकों में ऐसे धर्मांतरण बहुतायत में होते हैं तथा उन्हें पता ही नहीं होता कि उनके साथ क्या हो रहा है और ये सब मदद के नाम पर होता है।
सांसद राज्य सभा नरेश बंसलने कहा कि मुद्दा किसी एक जगह से जुड़ा नहीं है,बल्कि पूरे देश की समस्या है जिस पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है।
सांसद ने सदन मे कहा कि फिलहाल देश में जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए कोई कानून नहीं है, लेकिन उत्तराखंड समेत कई राज्यों में इसे लेकर कानून है।भारत के पड़ोसी देशोंपाकिस्तान, नेपाल, म्यांमार, श्रीलंका और भूटान में में जबरन धर्मांतरण के खिलाफ कानून हैं।

सांसद ने कहा कि संसद में 3 बार हुए धर्मांतरण क़ानून पास कराने की कोशिश हो चुकी है तथा 2015 में तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष व अभी के माननीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी ने राष्ट्रव्यापी स्तर पर धर्मांतरण निरोधक कानून बनाने पर जोर दिया था।

सासंद राज्य सभा नरेश बंसल ने सरकार से मांग करते हुए इसे एक बेहद गंभीर मामला बताया व बताया कि फिलहाल भारत देश में जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए कोई कानून नहीं है,इसलिए देशव्यापी कानून बनाने के लिए तुरंत आवश्यकता है।

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