अब ट्री ट्रांसप्लांट पॉलिसी लागू करने जा रहा राजमार्ग मंत्रालय
राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण में अब पेड़ों का कटान अंतिम विकल्प होगा। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय वृक्षों के पर्यावरणीय महत्व को समझते हुए अब राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण में ट्री ट्रांसप्लांट पॉलिसी लागू करने जा रहा है। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव (वन) आनंद बर्द्धन से वन विभाग, राज्य वन विकास निगम और वन व पर्यावरण से संबंधित संस्थानों के विशेषज्ञों का सहयोग और विचार लेने का अनुरोध किया गया है।
लगभग 71 प्रतिशत वन क्षेत्र वाले उत्तराखंड में सड़कों के निर्माण और चौड़ीकरण के कार्यों में हर साल हजारों पेड़ विकास की भेंट चढ़ जाते हैं। चारधाम आलवेदर रोड परियोजना के निर्माण में हजारों पेड़ों का कटान हो चुका है। पर्यावरण आंदोलनकारी पेड़ों के कटान के खिलाफ लगातार आवाज उठा रहे हैं। उनकी आवाज ने केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय पर असर दिखाया है। मंत्रालय ने प्रदेश सरकार को इस संबंध में पत्र भेजा है।
पत्र में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की अध्यक्षता में 31 जनवरी 2020 की बैठक का जिक्र किया गया है, जिसमें तय हुआ था कि राजमार्गों के निर्माण कार्यों में पेड़ों का कटान अंतिम विकल्प होगा। इसके स्थान पर सभी राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण में पेड़ों को ट्रांसप्लांट किए जाएंगे।
इतना ही नहीं जिन राष्ट्रीय राजमार्गों पर वन प्रशासन की ओर से पेड़ों के कटान की अनुमति दे दी गई है, वहां भी पेड़ों को ट्रांसप्लांट करने पर ध्यान दिया जाएगा। इससे घास के वनों, मैदानों, ग्लेशियरों के संरक्षण एवं संवर्द्धन तथा उत्तराखंड के बहुमूल्य पारिस्थितिकीय तंत्र की रक्षा करने में मदद मिलेगी।
प्रदेश सरकार से मंत्रालय ने राज्य वन विभाग, वन विकास निगम व वन व पर्यावरण से जुड़े अन्य संस्थानों के विशेषज्ञों के सहयोग से सड़क निर्माण में वृक्षों की कटाई के मुद्दे पर विचार करने का अनुरोध किया है। सरकार से कहा गया है कि वह वन विभाग के डिविजन स्तर के उन सभी अधिकारियों को भी ट्री ट्रांसप्लांटेशन का कार्य करने के लिए कहे, जहां वाणिज्यक दृष्टि से पेड़ों का
लगभग 71 प्रतिशत वन क्षेत्र वाले उत्तराखंड में सड़कों के निर्माण और चौड़ीकरण के कार्यों में हर साल हजारों पेड़ विकास की भेंट चढ़ जाते हैं। चारधाम आलवेदर रोड परियोजना के निर्माण में हजारों पेड़ों का कटान हो चुका है। पर्यावरण आंदोलनकारी पेड़ों के कटान के खिलाफ लगातार आवाज उठा रहे हैं। उनकी आवाज ने केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय पर असर दिखाया है। मंत्रालय ने प्रदेश सरकार को इस संबंध में पत्र भेजा है।
पत्र में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की अध्यक्षता में 31 जनवरी 2020 की बैठक का जिक्र किया गया है, जिसमें तय हुआ था कि राजमार्गों के निर्माण कार्यों में पेड़ों का कटान अंतिम विकल्प होगा। इसके स्थान पर सभी राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण में पेड़ों को ट्रांसप्लांट किए जाएंगे।
इतना ही नहीं जिन राष्ट्रीय राजमार्गों पर वन प्रशासन की ओर से पेड़ों के कटान की अनुमति दे दी गई है, वहां भी पेड़ों को ट्रांसप्लांट करने पर ध्यान दिया जाएगा। इससे घास के वनों, मैदानों, ग्लेशियरों के संरक्षण एवं संवर्द्धन तथा उत्तराखंड के बहुमूल्य पारिस्थितिकीय तंत्र की रक्षा करने में मदद मिलेगी।
प्रदेश सरकार से मंत्रालय ने राज्य वन विभाग, वन विकास निगम व वन व पर्यावरण से जुड़े अन्य संस्थानों के विशेषज्ञों के सहयोग से सड़क निर्माण में वृक्षों की कटाई के मुद्दे पर विचार करने का अनुरोध किया है। सरकार से कहा गया है कि वह वन विभाग के डिविजन स्तर के उन सभी अधिकारियों को भी ट्री ट्रांसप्लांटेशन का कार्य करने के लिए कहे, जहां वाणिज्यक दृष्टि से पेड़ों का