उत्तराखंड

हाईकोर्ट ने निर्दलीय विधायक उमेश शर्मा के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका को सुनवाई के लिए किया स्वीकार

बुधवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ ने चुनाव याचिका को स्वीकार करते हुए इस पर सुनवाई की और अगली सुनवाई की तिथि 29 नवंबर नियत कर दी है।

हाई कोर्ट ने हरिद्वार जिले की खानपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार उर्फ उमेश शर्मा के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली है।बुधवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ ने चुनाव याचिका को स्वीकार करते हुए इस पर सुनवाई की और अगली सुनवाई की तिथि 29 नवंबर नियत कर दी है। बुधवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ ने चुनाव याचिका को स्वीकार करते हुए इस पर सुनवाई की और अगली सुनवाई की तिथि 29 नवंबर नियत कर दी है।सुनवाई के दौरान कोर्ट ने विधायक उमेश शर्मा की तरफ से दिए गए तर्कों को निरस्त कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। चुनाव याचिका में कई पहलुओं का अनुपालन नहीं किया गया है, इसलिए इसे निरस्त किया जाय।

देवकी कलां लक्सर निवासी वीरेंद्र कुमार ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर आरोप लगाया है कि खानपुर के विधायक उमेश शर्मा ने चुनाव के दौरान अपने नामांकन पत्र के साथ दिए गए शपथ पत्र में कई तथ्य छुपाए हैं।

  • याचिकाकर्ता ने याचिका में उमेश शर्मा के खिलाफ विभिन्न न्यायालयों में विचाराधीन 29 आपराधिक मामलों की सूची देते हुए कहा है कि विधायक ने केवल 16 मामलों की सूची ही शपथ पत्र के साथ निर्वाचन अधिकारी के समक्ष पेश की है, जबकि मुख्य अपराधों को छुपा लिया है।
  • याचिका में यह भी कहा गया है कि विधायक ने वोटरों को प्रभावित करने के लिए पुलिस के साथ मिलकर पैंसे बांटे, इसलिए उनके चुनाव को निरस्त किया जाए।

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