उत्तराखंड

हरकी पौड़ी की तर्ज पर मां शारदा की संध्याकालीन आरती का सीएम ने किया विधिवत शुभारंभ

मां शारदा की नियमित आरती से जिले को धार्मिक पर्यटन में काफी प्रसिद्धि मिलेगी

टनकपुर। चम्पावत जिले के भ्रमण पर पंहुचे प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने टनकपुर के शारदा घाट पर संध्याकालीन आरती में प्रतिभाग कर मां शारदा की आरती कर प्रदेश के शुख और शांति की कांमना की।

टनकपुर शारदा घाट को हरिद्वार के हरकी पौड़ी की तर्ज पर विकसित करने के क्रम में आरती का आयोजन किया गया। हरकी पौड़ी की तर्ज पर शारदा घाट पर मां शारदा की संध्याकालीन आरती का सीएम पुष्कर सिंह धामी ने विधिवत शुभारंभ किया।

इस अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री ने कहा कि मां शारदा की नियमित आरती से जिले को धार्मिक पर्यटन में काफी प्रसिद्धि मिलेगी। उन्होंने कहा कि शारदा मैय्या की पावन भूमि पर मकर सक्रांति, उत्तरायणी जैसे अनेकों नामों से जाने जाने वाले इस पर्व को मनाया जा रहा है, आप सभी को मकर सक्रांति की बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं आप सबके जीवन में मंगलमय हो। उन्होंने कहा की उत्तरायणी के इस पर्व से शुभ दिन, शुभ कार्यों का हो जाता हैं। आज के दिन से धीरे-धीरे कोहरा, धुंध, ठंड कम होने लगती है और प्रकाश बढ़ने लगता है, रुके हुए काम प्रारंभ हो जाते हैं, ये दिन भीष्म पितामाह भीष्म को भी स्मरण करने का दिन जिन्होंने अपने अंतिम समय पर सैया पर अपने प्राण सूर्य के उत्तरायण आने पर त्यागे। उन्होंने कहा कि अच्छे दिनों की शुरुआत हो रही है। हमने तय किया है कि बागेश्वर, देवप्रयाग, टनकपुर, हरिद्वार अनेक स्थानों पर यह पर्व मनाया जाय, दुर्भाग्य से जोशीमठ में अचानक आई आपदा के कारण सभी तरीके से यह कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। हमारा प्रयास है हमारे लोकप्रिय त्योहार, लोक संस्कृति जो हमारे पूर्वज जिन मान्यताओं के साथ लगातार मनाते आए हैं वैसे ही हमारी आगे की पीढ़ी भी संस्कृति को लगातार आगे बढ़ाए और पीढ़ी दर पीढ़ी आगे हस्तांतरित हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री मोदी जी के नेतृत्व में पूरे भारत का मान, सम्मान बड़ा है। आज हमारे नदियों की सफाई के लिए निर्मल गंगा अभियान चलाया जा रहा है। जिसके माध्यम से गंगा जी और गंगा जी की जितनी भी सहायक नदियां हैं उन सभी सहायक नदियों को स्वच्छ बनाने का काम इस अभियान के तहत किया जा रहा है। आज शुभ दिन है और विधिवत रूप से यहां शारदा मां की आरती कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। यह आरती विधिवत रूप से हो, यहां मां पूर्णागिरि मैया का मेला लगता है यहां पूरे देशभर से श्रद्धालु आते हैं और यहां पूर्णागिरी के दर्शन करते हैं। वे सभी श्रद्धालु लोग मां पूर्णागिरि मैया के दर्शन करें और साथ ही मां बाराही, गोरखनाथ, हिंगला देवी आदि, के भी दर्शन करें और श्यामलाताल जेसे पर्यटन स्थलों तक पंहुचे।इससे यहॉ के अनेक दुकानदार, टैक्सी चालक समेत विभिन्न लोगो को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि चम्पावत को आदर्श जिला बनाने की ओर हम लगातार कार्य कर रहे हैं जिसके फलस्वरूप सुशासन और उत्कृष्ट के लिए हमारे अधिकारियों को प्रदेश सरकार ने भी सम्मानित किया है। हमे ऐसे लोगों की आवश्यकता है जो अपने देश के लिए समर्पित होकर कार्य करें और आशा करता हूं की आप सभी इसके लिए तैयार है। यह जनपद उत्तराखंड का आदर्श जनपद होगा और आदर्श जनपद के लिए हम लगातार कार्य कर रहे हैं, जिसके लिए भारत सरकार सहित सभी लोग अपना अपना योगदान दे रहे हैं।उन्होंने कहा वर्ष 2023 को मिलेट वर्ष के रूप में घोषित किया गया (यानीकि मोटे अनाज) उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा भारत सरकार से अनुरोध किया था कि मडवा को भारत सरकार के राष्ट्रीय खाद सुरक्षा में सम्मिलित किया जाए। जिले माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा मडूवे को भी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा में शामिल कर लिया है। जिससे हमारे सभी किसानों को प्रोत्साहन मिलेगा ताकि वो और उन्नत तरीके से खेती के लिए प्रेरित हो।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा शारदा नदी के दाएं पार्श्व पर घसियारामण्डी बस्ती में शारदा नदी के किनारे 607.48लाख की लागत के आपदा न्यूनीकरण मद के कार्यों का भूमिपूजन किया गया।
इस अवसर पर माननीय अध्यक्ष उत्तराखंड वन विकास निगम कैलाश चन्द्र गहतोड़ी, अध्यक्ष नगर पालिका टनकपुर विपिन कुमार, प्रदेश भाजपा मंत्री हेमा जोशी,भाजपा जिलाध्यक्ष निर्मल माहरा, जिलाधिकारी नरेन्द्र सिंह भंडारी,पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र पींचा, रीड संस्था की अनीता लोहनी, अनुसूचित जाति के अध्यक्ष अध्यक्ष मुकेश कुमार, सीडीओ आर एस रावत, उपजिलाधिकारी चम्पावत रिंकू बिष्ट, टनकपुर सुंदर सिंह,नोडल अधिकारी मुख्यमंत्री कार्यालय के एस बृजवाल, नोडल अधिकारी नमामि गंगे डॉ पंकज उप्रेती, सहित क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि गणमान्य नागरिक विभिन्न विभागों के अधिकारी आदि उपस्थित रहे।इस अवसर पर मां गंगा की आरती आदि कार्यक्रम किए गए।

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