उत्तराखंड

लैंसडौन विधानसभा का संपूर्ण क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण- महाराज

रिखणीखाल व दुगड्डा ब्लॉक से जुड़ा है जिम कॉर्बेट का पूरा भू-भाग

देहरादून। लैंसडौन विधानसभा का संपूर्ण क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। पर्यटन का प्रमुख केंद्र जिम कॉर्बेट पार्क दुगड्डा और रिखणीखाल ब्लॉक से जुड़ा है।

उक्त बात प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने जारी अपने एक बयान में कही। उन्होंने कहा कि लैंसडाउन कंटेनमेंट जोन से बाहर लगातार होटलों की श्रृंखला खड़ी हो रही है। वर्तमान में इस क्षेत्र में 46 होटल, गेस्ट हाउस और 28 पंजीकृत होम्स स्टे चल रहे हैं। इससे स्पष्ट है कि देश के विभिन्न क्षेत्रों से पर्यटक बड़ी संख्या में यहां आ रहे हैं। जिम कॉर्बेट का बड़ा भूभाग दुगड्डा और रिखणीखाल ब्लॉक में ही स्थित है। जिस का प्रवेश द्वार रामनगर से है।

पर्यटन मंत्री ने कहा कि कोटद्वार में भी जिम कार्बेट का पर्यटन विभाग के द्वारा एशियन डेवलपमेंट बैंक के माध्यम से 11 करोड़, 50 लाख 49 हजार 736 की लागत से नॉर्थ गेट बनाया गया है। इस परियोजना के तहत पर्यटकों के लिए आगंतुक सुविधा केंद्र, कन्वेंशन सेंटर, 16 कॉटेज, 4 एग्जीक्यूटिव बेडरूम, 4 डीलक्स बेडरूम, ओवरहेड स्टोरेज पानी की टंकी, इलेक्ट्रिक रूम, स्टाफ और ड्राइवर छात्रावास, प्रबंधक कक्ष, पार्किंग सुविधा, म्यूजिकल और डांसिंग फाउंटेन, फूड कोर्ट, जेनरेटर शेड और एंटिफिशियल क्लाइम्बिंग वॉल आदि बनाये गये हैं।

श्री महाराज ने कहा कि लैंसडाउन के तारकेश्वर महादेव को शैव सर्किट में शामिल किया गया है। बड़ी संख्या में यहां पर्यटक आ रहे हैं। तारकेश्वर मेले के विषय में लगातार समाचार पत्रों में समय-समय पर विज्ञापनों एवं समाचारों के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। संस्कृति विभाग के माध्यम से श्रवण कुमार योजना के अंतर्गत वृद्धों को तारकेश्वर महादेव की यात्रा करवाई जा रही है।

उन्होंने कहा कि लैंसडाउन का जो क्षेत्र कंटेनमेंट जोन के अंतर्गत आता है नियम के अनुसार वहां पर किसी भी प्रकार का विकास कार्य करना संभव नहीं है। लेकिन उसके बाहरी क्षेत्रों में पर्यटन की दृष्टि से लगातार विकास कार्य चल रहे हैं, सड़कों की कनेक्टिविटी बढ़ाई जा रही है।

श्री महाराज ने कहा कि लैंसडाउन के रिखणीखाल और दुगड्डा ब्लॉक में होटल एवं रिजॉर्ट्स बन रहे हैं। पर्यटकों के लिए दुगड्डा ब्लॉक से जिम कॉर्बेट को प्रवेश देने के लिए वन मंत्री भी लगातार प्रयासरत हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button