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भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की शुरुआत कर दी मुख्यमंत्री योगी ने

योगी सरकार लगातार भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, इससे पहले भी कई अधिकारियों पर गाज गिर चुकी है

उत्तर प्रदेश में एक बार फिर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार की वापसी हुई है। शपथ ग्रहण के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित सभी मंत्रियों ने अपने कामकाज संभाल लिए हैं। इन सबके बीच योगी सरकार ने भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की शुरुआत कर दी है। अवैध खनन और विधानसभा चुनाव के दौरान लापरवाही को लेकर सोनभद्र के डीएम टीके शिबू को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके साथ ही डीएम के ऊपर विभागीय जांच में बैठा दी गई है। इस पूरे मामले की जांच वाराणसी के कमिश्नर को सौंपी गई है। जानकारी के मुताबिक के टीके शिबू के खिलाफ सोनभद्र में खनन, जिला खनिज न्याय समिति और अन्य निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार की शिकायतें जनप्रतिनिधियों की ओर से की गई थी।

इसके अलावा विधानसभा चुनाव के दौरान भी जिला निर्वाचन अधिकारी के रूप में टीके शिबू पर लापरवाही बरतने के आरोप लगे थे। शासन को इस बात को लेकर सूचना मिली है कि टीके शिबू ने चुनाव के दौरान पोस्टल बैलट पेपर को सील नहीं किया था। इसके बाद से इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी। हालत ऐसी हुई थी कि मतदान को निरस्त करने की स्थिति भी बन गई थी। हालांकि बाद में जनप्रतिनिधियों को विश्वास में लेने के बाद पोस्टल बैलट पेपर को फिर से सील बंद किया गया। इस मामले को लेकर मिर्जापुर के आयुक्त को जांच सौंपी गई थी। प्रथम दृष्टया इसमें आईएएस अधिकारी टीके शिबू को दोषी पाया गया था।

आपको बता दें कि योगी सरकार लगातार भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। इससे पहले भी कई अधिकारियों पर गाज गिर चुकी है। कुल मिलाकर देखें तो आने वाले दिनों में इस तरह की और भी खबरें आ सकती हैं। भ्रष्टाचार को लेकर योगी सरकार की नीति बिल्कुल साफ है। सरकार की ओर से सभी पदाधिकारियों को साफ तौर पर कह दिया गया है कि भ्रष्टाचार बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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