उत्तराखंड

‘प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान’ के अन्तर्गत नि-क्षय मित्र बनाये जाने के सम्बन्ध में सीडिओ ने अधिकारियों के साथ की बैठक

सुश्री झरना कमठान ने विकास भवन सभागार में जिला सेक्टर/राज्य सेक्टर/केन्द्र पोषित/वाह्य सहायतित/बीस सूत्रीय कार्यक्रम एवं टास्क फोर्स की बैठक करते हुए प्रगति की समीक्षा की

देहरादून | जिलाधिकारी के निर्देशों के अनुपालन में मुख्य विकास अधिकारी सुश्री झरना कमठान ने आज विकास भवन सभागार में जिला सेक्टर/राज्य सेक्टर/केन्द्र पोषित/वाह्य सहायतित/बीस सूत्रीय कार्यक्रम एवं टास्क फोर्स की बैठक करते हुए प्रगति की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान आवंटित बजट के सापेक्ष जिला योजना का व्यय प्रतिशत 53.88, राज्य सेक्टर व्यय प्रतिशत 64.69 प्रतिशत, केन्द्र पोषित योजनाओं का व्यय प्रतिशत 86.64 तथा वाह्य सहायतित योजनाओं की प्रगति 60.17 रही। उन्होंने विभागों प्रगति बढ़ाने के साथ ही रोस्टरवार कार्यक्रम बनाते हुए क्षेत्र का भ्रमण कर योजनाओं की समीक्षा करने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर ‘प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान’ के अन्तर्गत नि-क्षय मित्र बनाये जाने के सम्बन्ध जिलाधिकारी द्वारा दिए गए निर्देशों अनुपालन में मुख्य विकास अधिकारी सुश्री झरना कमठान ने क्षय रोगी को नि-क्षय मित्र द्वारा पोषाहार/सहायता/उपचार आदि के लिए 06 माह से 03 वर्ष तक गोद लिया जाने के सम्बन्ध में विस्तृत चर्चा करते हुए सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। कहा कि मानवीय दृष्टिकोण से स्वेच्छा के अनुसार क्षय रोगियों को गोद लेते हुए उनके उपचार/पोषाहार अपना योगदान देने को कहा साथ ही विभागों से जुड़े संस्थान/लोगों को भी प्रेरित करते हुए इस पुनीत कार्य में बीमार लोगों के उपचार में सहयोग कर उनके जीवन में खुशियां लौटाने के भागीदार बने। क्षय रोगियों के सम्बन्ध मे जिला क्षय रोग अधिकारी द्वारा विस्तृत जानकारी दी गई।
मुख्य विकास अधिकारी ने जिला योजना में व्यय की धीमी प्रगति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए विभागों को प्रगति बढ़ाने के निर्देश दिए। साथ ही विभिन्न योजनाओं में जिन विभागों की प्रगति कम प्रतिशत वाले विभागो से नाराजगी जाहित करते हुए विभागों को नोटिस जारी करने के निर्देश जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी को दिए। उन्होंने समस्त विभागों को माह नवंबर में होने वाली अगली समीक्षा बैठक तक योजनाओं की प्रगति 90 प्रतिशत करने के निर्देश दिए। मुख्य विकास अधिकारी ने संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि दुरस्त क्षेत्रों में भ्रमण करते हुए विभिन्न विकास योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करें। न्यून प्रगति वाले विभागों में लोक निर्माण विभाग, उरेडा, मत्स्य, ग्राम्य विकास, दुग्ध, वन, उद्यान, पंचायतीराज, लघु उद्योग, ग्रामीण लद्यु उद्योग आदि विभागों को जिलाधिकारी की ओर से नोटिस जारी करने के निर्देश जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी को दिए। बीस सूत्रीय कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान तीन विभाग डी श्रेणी में आने वाले विभागों में लघु सिंचाई विभाग, पेयजल निगम, एवं समाज कल्याण को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। जबकि बी श्रेणी में आने वाले ग्राम्य विकास विभाग, जिला पूर्ति, नगर निगम, बाल विकास, लो.निवि, लक्ष्य के सापेक्ष कम प्रगति पर कड़ी नारजगी जाहिर करते हुए प्रगति बढाने निर्देश जारी किए। वहीं जिला योजना में 90 प्रतिशत् से अधिक तथा शतप्रतिशत् खर्च करने वाले विभागीय अधिकारियों की सराहना की।
समीक्षा बैठक में जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी शशिकांत गिरी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 मनोज उप्रेती, जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास अखिलेश मिश्रा, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ0 विद्याधर कापड़ी, अधि0 अभि0 लोनिवि डी.सी नौटियाल अधि0 अभि0 पीएमजीएसवाई वी.के डंगवाल, अधि0 अभि0 जल संस्थान एल.सी रमोला, अधि0 अभि0 िंसंचाई विभाग राजेश लांबा, जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट, सहायक अर्थ संख्याधिकारी पी.एस भण्डारी सहित संबंधित विभागों के अधिकारी एवं कार्मिक उपस्थित रहे।

 

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