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पीएम सर यूक्रेन के सैनिक भारतीय छात्रों के साथ मारपीट कर रहे हैं- तमन्ना

यह पहला मौका था जब यूक्रेन के सैनिक बेहद गैरजिम्मेदाराना अंदाज में छात्र छात्राओं के साथ पेश आए

युद्ध के मुश्किल हालात के बीच यूक्रेन के इवानो फ्रन्कीव्स्क शहर से ऋषिकेश पहुंची तमन्ना त्यागी और उसके 500 साथियों को जिंदगी के कभी न भूलने वाले अनुभवों के दौर से गुजरना पड़ा। रोमानिया बॉर्डर पर पहुंचने के बाद भी दो-तीन फुट के सीमा निकासी द्वार को पार करने में 250 छात्र छात्राओें को करीब पांच घंटे का समय लग गया। यूक्रेन के सैनिकों ने व्यवस्था बनाने के नाम पर भारतीय छात्रों के साथ मारपीट भी की। इस दौरान भगदड़ मचने से कई छात्र- छात्राएं नीचे गिरकर घायल हो गए। कुछ के पासपोर्ट और वीजा भी गुम हुए। एयर इंडिया के हवाईजहाज में बैठने के बाद सभी ने राहत की सांस ली।

तमन्ना ने बताया कि यूक्रेन से बाहर निकालना उनके जीवन की अब तक की सबसे बड़ी चुनौती थी। 25 फरवरी को भारतीय दूतावास ने इवानो फ्रन्कीव्स्क में फंसे 500 भारतीय छात्र छात्राओं को रोमानिया बार्डर पहुंचने के लिए कहा था। शहर में आसमान रूसी लड़ाकू विमान उड़ रहे थे। विमानों के सायरन की आवाज से सभी छात्र छात्राएं भयभीत थे। तब वरिष्ठ छात्रों में अपने बलबूते रोमानिया रवाना होने का निर्णय लिया। वरिष्ठ छात्रों ने सीमा तक पहुंचने के लिए चार वैन और दो बसों की व्यवस्था की।
एक व्यक्ति का किराया करीब 1500 भारतीय रुपये था। जो छात्र छात्राओं ने अपने पास से दिया। 26 फरवरी को 500 छात्र और छात्राएं खाने का कुछ सामान पैक करने के बाद रोमानिया की ओर रवाना हुए। दो दिन तक उन्होंने पैक खाने से ही पेट भरा। करीब दो घंटे के सफर के बाद छात्र और छात्राएं रोमानिया बार्डर के पास पहुंचे। यहां से करीब माइनस चार डिग्री तापमान के बीच छात्र छात्राओं ने बार्डर तक 14 किलोमीटर की दूरी तय की। तमन्ना ने बताया कि बार्डर पर पहले करीब 500 छात्र मौजूद थे।

मौके पर यूक्रेन के सैनिक तैनात थे जिनका रवैया बेहद सख्त था। बार्डर से निकालने के द्वार पर केवल दो से तीन फुट का रास्ता छोड़ा गया था। यूक्रेन के सैनिकों ने सभी छात्र छात्राओं को एक लाइन में खड़ा कर दिया। लाइन में नाइजीरिया, यूक्रेन ओर भारत के लोग खड़े थे। इस बीच छात्र छात्राओं में आगे निकलने के धक्कामुक्की शुरू हुई तो यूक्रेन के सैनिकों ने व्यवस्था बनाने के लिए छात्र छात्राओं को मारना शुरू कर दिया। इस दौरान भगदड़ और धक्का मुक्की के बीच वह औंधे मुंह जमीन पर गिर पड़ी।
तमन्ना ने बताया कि उनके उपर अचानक एक भारी बैग गिर पड़ा और वह उसके नीचे दब गई। उनके पैर मोच आ गई थी, इसलिए वह उठ नहीं पा रही थी। हरियाण निवासी एक साथी छात्र सिद्धू ने उनको उठाकर संभाला। इस दौरान नैनीताल निवासी एक छात्रा शिवानी को पीठ में काफी चोट आई। जबकि यमुनानगर निवासी छात्रा हर्षिका भारती का पासपोर्ट और वीजा भी गुम हो गया।
तमन्ना ने बताया कि उनके सहित 250 छात्र और छात्राएं बार्डर को पार कर पाई। उनके 250 साथी छात्रा छात्राओं समेत 750 लोग पीछे छूट गए। इनमें उनके कई दोस्त भी शामिल थे। तमन्ना ने बताया कि यहां भारतीय दूतावास की महिला अधिकारी मिली। जिसके बाद हवाई हड्डे तक बस यात्रा और दस्तावेजों की जांच के करीब तीन घंटे बाद उनको एयर इंडिया के विमान में बैठाया गया। जिसके बाद उन्होंने राहत की सांस ली।
तमन्ना त्यागी ने बताया कि एयर इंडिया के स्टॉफ ने छात्र छात्राओं की बड़े अच्छे से खातिरदारी की। छात्रा छात्राओं बेहद अच्छी गुणवत्ता का भोजन कराया गया। स्टॉफ की बातचीत में अपनापन झलक रहा था। हवाई जहाज में बैठकर ऐसा लगा जैस हम अपने घर पहुंच गए।
तमन्ना त्यागी ने कहा कि उनको भारतीय होने पर गर्व है। यूक्रेन में जब वे लोग टूर पर जाते थे तो उनकी गाड़ियों पर भारतीय झंडा लगा रहता था। यूक्रेन के लोग भारतीय छात्र छात्राओं को पूरा सम्मान देते है। यह पहला मौका था जब यूक्रेन के सैनिक बेहद गैरजिम्मेदाराना अंदाज में छात्र छात्राओं के साथ पेश आए। यूक्रेन में तापमान गिरकर कई बाद माइनस 14 डिग्री तक पहुंच जाता है। छात्र और छात्राएं काफी मुश्किल हाल को झेल रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार से यूक्रेन में फंसे सभी भारतीय छात्र छात्रों को जल्द से जल्द बाहर निकालने की अपील की है। तमन्ना ने कहा कि कहा कि पीएम सर यूक्रेन के सैनिक भारतीय छात्रों के मारपीट कर रहे हैं, उन्हें बचाएं।

शासन की ओर से जारी सूचना के मुताबिक देहरादून की ईशा रावत, हरिद्वार के मोहम्मद अनास, नैनीताल के शैली त्रिपाठी व पिथौरागढ़ की तनुश्री पांडेय मंगलवार की देर रात नई दिल्ली पहुंची। बुधवार की सुबह नौ छात्र पहुंचे। इनमें हरिद्वार की कंचन, मानसी, टिहरी से स्नेहा पांडेय, शौर्य, मोहम्मद आबिद और चंपावत से ओसीन, ऊधमसिंह नगर के शावेद अली व ऋतिक राजपूत पहुंचे हैं। इनके अलावा बुधवार को देहरादून जिले की सारा अली, शोएब अली, नमिता धीमान, हरिद्वार से कंचन, स्नेहा पांडे, मोहम्मद आबिद, टिहरी से शौर्य, चंपावत से ओसिन, हरिद्वार से मानसी व कृष्णा यादव, ऊधमसिंह नगर से शावेद अली व ऋतिक राजपूत उत्तराखंड पहुंचे हैं।
दिल्ली एयरपोर्ट पर अपर स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा ने यूक्रेन से लौटे छात्रों का स्वागत किया। बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के चलते हालात गंभीर हैं। सरकार को अब तक यूक्रेन में रह रहे 282 छात्रों व अन्य लोगों के बारे में सूचना मिली है। इसमें 40 छात्र उत्तराखंड लौट चुके हैं। जो छात्र अभी तक नहीं लौटे हैं, उनके परिजनों की चिंता लगातार बढ़ती जा रही है।

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