उत्तराखंड

ड्रग्स के मामले में उत्तराखंड की स्थिति चिंताजनक!!!

उत्तराखंड में चरस और गांजे की ज्यादातर आपूर्ति पड़ोसी राज्यों से ही होती है। प्रदेश में इसकी खेती पर प्रतिबंध है। कमोबेश पड़ोसी राज्यों में भी ऐसे प्रतिबंध लागू हैं, लेकिन वहां पर तस्करों के लिए उत्तराखंड एक बाजार की तरह उभरा है।

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने तीन वर्षों के भीतर प्रदेश को ड्रग्स मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। हालांकि, पुलिस इसमें कितनी कारगर होती है, यह तो आने वाला वक्त बताएगा, लेकिन यह सरकार और पुलिस दोनों के लिए चिंता का विषय है। उत्तराखंड में करीब 110 लोगों में से एक व्यक्ति भांग से बने ड्रग्स का सेवन करता है। यह कुल जनसंख्या की 0.9 प्रतिशत आबादी है। प्रदेश का यह प्रतिशत राष्ट्रीय औसत से 0.7 से भी अधिक है।पुलिस लाइन में कार्यशाला के दौरान अधिकारियों में इस बात को लेकर काफी चिंता थी। मामले में एसटीएफ ने देशभर में तमाम स्टडी का अवलोकन किया है। ड्रग्स लेने के मामले में उत्तराखंड की यह चिंता पैदा करने वाली स्थिति नजर आती है। संस्था ने यह स्टडी चरस और गांजा का नशा करने वालों पर की है। इसके अनुसार, देशभर में करीब 1.30 करोड़ लोग चरस और गांजा का नशा करते हैं। उत्तराखंड में चरस और गांजे की ज्यादातर आपूर्ति पड़ोसी राज्यों से ही होती है। प्रदेश में इसकी खेती पर प्रतिबंध है। कमोबेश पड़ोसी राज्यों में भी ऐसे प्रतिबंध लागू हैं, लेकिन वहां पर तस्करों के लिए उत्तराखंड एक बाजार की तरह उभरा है। डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर इसी औसत को शून्य पर लाना है। इसके लिए 2025 की डेडलाइन घोषित की गई है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button