उत्तराखंड

कोरोना की चौथी लहर का चारधाम यात्रा पर कितना असर इससे प्रदेश सरकार चिंता में ।

बड़ी संख्या में आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए सरकार के सामने सिर्फ व्यवस्थाएं जुटाने की चुनौती नहीं रह गई है। अब कोरोना की चौथी लहर की संभावनाओं से सरकार के सामने दोहरी चुनौती खड़ी हो गई है।

देश में कोविड की चौथी लहर की संभावना को लेकर प्रदेश सरकार भी चिंतित है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार प्राथमिकता के आधार पर कोरोना से बचाव के काम करेगी। इस संबंध में उन्होंने आपदा प्रबंधन विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों से चर्चा भी की।यूपी और नई दिल्ली में कोरोना के मामलों में आ रही तेजी से उत्तराखंड सरकार की पेशानी पर बल हैं। बढ़ती गर्मी के साथ पड़ोसी राज्यों से बड़ी तादाद में पर्यटक उत्तराखंड आ रहे हैं। प्रदेश सरकार खुद मान रही है कि इस बार चारधाम यात्रा में रिकॉर्ड श्रद्धालु आ सकते हैं। बड़ी संख्या में आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए सरकार के सामने सिर्फ व्यवस्थाएं जुटाने की चुनौती नहीं रह गई है। अब कोरोना की चौथी लहर की संभावनाओं से सरकार के सामने दोहरी चुनौती खड़ी हो गई है। कोविड मामलों के विश्लेषक समाज सेवी अनूप नौटियाल के मुताबिक, हालांकि उत्तराखंड में कोरोना मामले अभी कम हैं, लेकिन बढ़ती संक्रमण दर में चिंता का विषय है।  उन्होंने कहा कि 16 अप्रैल को कोविड का एक मामला आया था। 17 अप्रैल को आठ, 18 को नौ और 19 अप्रैल को 12 मामले कोविड के आएं हैं। अब हमें सावधान रहने की आवश्यकता है।कोविड के मामले बहुत कम होने के बाद राज्य सरकार ने कोविड गाइडलाइन में पूरी तरह से ढील दे दी। ढील के बाद राज्य के भीतर और बाहर से आने वाले लोग मास्क पहनने और सामाजिक दूरी का पालन नहीं कर रहे हैं। वहीं कोविड के कारण राज्य में पर्यटन कारोबार लगभग पूरी तरह से चौपट रहा। तीसरी लहर के थमने के बाद राज्य सरकार और राज्य के पर्यटन कारोबारियों और इस चारधाम यात्रा पर आश्रित व्यवसायियों ने राहत की सांस ली। लेकिन चौथी लहर की संभावना से वे भी चिंता में हैं।

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