उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में भाजपा ने नए प्रदेश अध्यक्ष के रूप में भूपेंद्र चौधरी की नियुक्ति की!!!

योगी सरकार 2.0 में स्वतंत्रदेव सिंह को जलशक्ति मंत्री बनाए जाने के बाद से ही यह अटकलें शुरू हो गई थीं कि उत्तर प्रदेश भाजपा का नया अध्यक्ष कौन होगा?

भारतीय जनता पार्टी  ने बिल्कुल चौंकाते हुए उत्तर प्रदेश में नए अध्यक्ष की तैनाती की है। भाजपा ने पहली बार किसी जाट नेता को इस कुर्सी पर बैठाया है।दलित और ब्राह्मण वर्ग से अध्यक्ष चुने जाने की अटकलों को विराम देते हुए विधानसभा चुनाव की तरह लोकसभा चुनाव के लिए भी यह कुर्सी पिछड़ा वर्ग के कोटे में तो रखी, लेकिन पहली बार ‘जाट कार्ड’ चलते हुए मुरादाबाद निवासी पंचायतीराज मंत्री भूपेंद्र चौधरी को संगठन की कमान सौंपी है।योगी सरकार 2.0 में स्वतंत्रदेव सिंह को जलशक्ति मंत्री बनाए जाने के बाद से ही यह अटकलें शुरू हो गई थीं कि उत्तर प्रदेश भाजपा का नया अध्यक्ष कौन होगा? क्योंकि पार्टी में एक व्यक्ति, एक पद का सिद्धांत लागू है। चूंकि, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने ब्राह्मण नेता के नेतृत्व में सफलता प्राप्त की, इसलिए ज्यादा संभावना यही जताई जा रही थी कि फिर ब्राह्मण पर ही दांव लगाया जाएगा।दिल्ली में बैठे पार्टी के रणनीतिकार अपने दृष्टिकोण से चुनावी बिसात सजा रहे थे। बुधवार शाम को योगी सरकार के पंचायतीराज मंत्री भूपेंद्र चौधरी को जैसे ही दिल्ली बुलाया गया, तभी इशारा मिल गया था कि भाजपा नेतृत्व का निर्णय किस दिशा में जाने वाला है। हुआ भी वही, गुरुवार दोपहर में भूपेंद्र चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने का पत्र भी जारी हो गया। भूपेंद्र चौधरी की इस पद पर नियुक्ति अब तक की पार्टी की रीति-नीति से कुछ अलग है। खास बात है कि भाजपा ने पहली बार किसी जाट नेता को इस कुर्सी पर बैठाया है। इस निर्णय का सीधा संदेश यही मिल रहा है कि भाजपा की नजर पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर विशेष रूप से है। हाईकमान का रणनीतिक दृष्टिकोण हो सकता है कि सपा-रालोद का गठबंधन लोकसभा चुनाव में बना रहना लगभग तय है।

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