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उत्तराखंड के छह पुलिसकर्मियों को राष्ट्रपति का पुलिस पदक

एडीजी अभिनव कुमार विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक पाने वाले उत्तराखंड के इकलौते अधिकारी हैं।

एडीजी अभिनव कुमार को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से नवाजा जाएगा। उन्हें यह सम्मान गणतंत्र दिवस पर प्रदान किया जाएगा। इनके अलावा पांच अधिकारियों और कर्मियों को सराहनीय सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक के लिए चुना गया है।

सराहनीय सेवा के लिए पदक पाने वालों में चमोली के डीएसपी धन सिंह तोमर, पुलिस मुख्यालय में तैनात डीएसपी (एम) नंदन सिंह बिष्ट, पौड़ी के डीएसपी गणेश लाल, इंटेलिजेंस के इंस्पेक्टर महेश चंद चंदोला और सब इंस्पेक्टर विशेष श्रेणी चंपावत रमेश चंद भट्ट शामिल हैं।

एडीजी अभिनव कुमार विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक पाने वाले उत्तराखंड के इकलौते अधिकारी हैं। अभिनव इस वक्त मुख्यालय में एडीजी प्रशासन की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। इससे पहले उन्होंने केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर रहते हुए कई जिम्मेदारियों को संभाला था। वह 1996 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं।

दून के मधुसूदन सेमवाल को राष्ट्रपति पदक
दून के रोचीपुरा निरंजनपुर देहरादून निवासी सीआईएसएफ सहायक कमांडेंट मधु सूदन सेमवाल को राष्ट्रपति पदक के लिए चुना गया है। मधुसूदन सेमवाल ने अपने 35 वर्ष के कार्यकाल में सीआईएसएफ के अलावा सीबीआई, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग व एनआईए में रहते हुए महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान की हैं। इनकी एनआईए को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। वर्तमान में अपनी बटालियन से इनकी तैनाती जम्मू-कश्मीर में रही है। सेमवाल की प्राथमिक शिक्षा केंद्रीय विद्यालय हरिद्वार और डीएवी कॉलेज देहरादून से हुई है।
डीआईजी सीआरपीएफ को राष्ट्रपति का विशिष्ट पदक
देहरादून निवासी डीआईजी सीआरपीएफ विमल कुमार बिष्ट को राष्ट्रपति का विशिष्ट पदक दिया जाएगा। डीआईजी बिष्ट इस वक्त बिहार में तैनात हैं। वह 1989 को सीआरपीएफ में बतौर डीएसपी भर्ती हुए थे। बिष्ट ने अपने इस लंबे कार्यकाल में देश के लगभग हर हिस्से में सेवाएं दी हैं। जम्मू-कश्मीर के अशांत दिनों में भी उन्होंने अपने साहस और सूझबूझ का परिचय देते हुए बड़े काम किए हैं। उनकी शिक्षा भी देहरादून में ही हुई थी।
सब इंस्पेक्टर यासीन को मिलेगा सातवां पदक
रेंज कार्यालय में तैनात सब इंस्पेक्टर मोहम्मद यासीन को 16 साल में सातवें पदक के लिए चुना गया है। इस साल उन्हें उत्कृष्ट सेवाओं के लिए राज्यपाल का पुलिस पदक मिल रहा है। इससे पहले उन्हें कई सेवाओं और विशिष्ट कार्यों के लिए पदक व सम्मान दिए जा चुके हैं।
ये हैं पहले मिले सम्मान
-2006 में डीजीपी द्वारा उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित।
-2014 में विशिष्ट कार्य के लिए सराहनीय सेवा पदक।
-2016 में विशिष्ट कार्य के लिए उत्कृष्ट सेवा पदक।
-2017 में विशिष्ट कार्य के लिए सराहनीय सेवा पदक।
-2019 में राष्ट्रीय एकता दिवस पर उत्कृष्ट अनावरण के लिए मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित।
-2021 में विशिष्ट कार्य लिए उत्कृष्ट सेवा पदक।

आज गणतंत्र दिवस पर 175 कैदी होंगे रिहा
प्रदेश सरकार गणतंत्र दिवस पर 175 कैदियों को रिहा करेगी। राजभवन की ओर से इसकी अनुमति मिल चुकी है। इसमें सबसे अधिक जिला कारागार हरिद्वार से 63 कैदी रिहा होंगे। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि.) ने गणतंत्र दिवस पर राज्य के विभिन्न कारागारों में लंबी अवधि से सजाएं काट रहे  कैदियों के समयपूर्व रिहाई के प्रस्ताव को अनुमति दे दी है। राज्य गठन के बाद से यह पहला मौका होगा जब इतनी बड़ी संख्या में कैदियों को रिहा किया जाएगा। जिन कैदियों को रिहा किया जाएगा, उनमें एक पिछले 47 वर्षों से अधिक समय से सजा काट रहा है। 7 अन्य कैदी 40 वर्षों से अधिक अवधि से विभिन्न कारागारों में सजा काट रहे हैं।
इनमें से 26 कैदी लगभग 30 वर्षों से अधिक अवधि से सजा काट रहे हैं। 9 महिला कैदियों को भी समय पूर्व मुक्त किए जाने की अनुमति दी गई है। सम्पूर्णानन्द शिविर, सितारगंज से 27 कैदियों, केन्द्रीय कारागर ऊधमसिंहनगर से 52, जिला कारागार हरिद्वार से 63, जिला कारागार पौड़ी से एक, जिला कारागार चमोली से एक, केन्द्रीय कारागार बरेली उत्तर प्रदेश से 02, केन्द्रीय कारागार वाराणसी उत्तर प्रदेश से 01, केन्द्रीय कारागार फतेहगढ़ उत्तर प्रदेश से एक कैदी एवं 23 अन्य कैदियों को रिहा किया जाएगा। कैदियों को राज्यपाल ने दया एवं उनके अच्छे आचरण के आधार पर समय पूर्व मुक्त किए जाने की अनुमति दी है।

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