उत्तराखंड

हिम प्रहरी’ योजना शुरु करने वाली है उत्तराखंड सरकार – मुख्यमंत्री धामी

प्रदेश के अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर इलाकों में निगरानी और एक्शन के लिए युवाओं और रिटायर्ड सैन्य कर्मियों की मदद ली जाएगी

देहरादून : उत्तराखंड पर किसी भी बाहरी आक्रामण को नाकाम करने को सीएम धामी ने एक्शन प्लान बनाया है। कहा कि प्रदेश के अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर इलाकों में निगरानी और एक्शन के लिए युवाओं और रिटायर्ड सैन्य कर्मियों की मदद ली जाएगी। देश और उत्तराखंड पर चीन के नापाक इराकों पर लगाम लगाने को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का एक्शन मोड भी शुरू हो गया है।

हरियाणा के सूरजकुंड में आयोजित गृह मंत्रियों के चिंतन शिविर में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ‘हिम प्रहरी’ योजना शुरु करने वाली है। इस योजना के तहत 10 हजार सेवानिवृत जवानों, पैरामिलिट्री से रिटायर्ड सैनिक सहित युवाओं को योजना से जोड़ा जाएगा।

कहा कि ‘हिम प्रहरी’ योजना से जुड़े सभी को जरूरी प्रशिक्षण देने के बाद बॉर्डर एरिया में तैनात किया जाएगा, ताकि बाहरी आक्रमण की स्थिति में ‘हिम प्रहरी’ दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दे सकें। सीएम धामी ने कहा कि इसके लिए प्रतिमाह 5 करोड़ रुपये का खर्च आएगा, जिसकी सीएम धामी ने केंद्र सरकार से मांग की है।

धामी ने आंतरिक सुरक्षा को लेकर उत्तराखंड की तैयारी का खाका पेश किया। धामी ने कहा कि सीमान्त गांव देश के प्रथम प्रहरी हैं और इनका समुचित विकास करना सरकार का कर्तव्य है। इन क्षेत्रों से पलायन रोकने के लिए स्थानीय युवाओं को एनसीसी से जोड़ने का अभियान चल रहा है।

सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटन बढ़ाने के लिए इनर लाइन प्रतिबंध में छूट के लिए भी केंद्र से अनुरोध किया गया है। धामी ने कहा कि उत्तराखंड कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के साथ ही तिब्बत, चीन और नेपाल के साथ सीमा साझा करता है। इसलिए राष्ट्रीय सुरक्षा को राज्य सर्वाेच्च स्थान देता है।

उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था के सुचारू संचालन के लिए प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है। समान नागरिक संहिता लागू होने से राज्य में सभी धर्मों के निवासी लाभांवित होंगे। इससे महिलाओं की स्थिति में खासकर सुधार आएगा।

सीएम ने कहा कि उत्तराखंड में बहुत से गांवों में आज भी राजस्व पुलिस ही नियमित पुलिस के कार्यों को देख रही है। लेकिन अब सरकार ने राजस्व पुलिस क्षेत्रों को चरणबद्ध रूप से नियमित पुलिस को दिए जाने का निर्णय लिया है। सीएम ने नये थानों, पुलिस चौकियों के साथ ही पुलिस कार्मिकों की आवासीय सुविधा के लिए राज्य सरकार को विशेष अनुदान के रूप में एकमुश्त 750 करोड़ रुपये देने की मांग उठाई। महिला सुरक्षा के लिए कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए एप बनाया जाना प्रस्तावित है। सीएम ने आपदा में राहत और बचाव के लिए केंद्र सरकार के स्तर से एसडीआरएफ को हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराने की भी पैरवी की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गत पांच-छह साल में पिथौरागढ़, उत्तरकाशी और चमोली में 13 सड़कों पर लगभग 600 किमी का निर्माण चल रहा है। उत्तराखंड में देश के कई महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान और कार्यालय स्थित हैं, जिनकी सुरक्षा का प्राथमिक दायित्व राज्य सरकार पर है। इसी प्रकार राज्य में आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों और चारधाम, कांवड यात्रा में आने वाले करोड़ों तीर्थयात्रियों की सुरक्षा का दायित्व भी राज्य सरकार पर है। इसके लिए भी निरंतर केन्द्र सरकार से सहयोग की जरूरत रहती है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button