उत्तराखंड

विरोध के चलते कुछ सीटों पर प्रत्याशी बदल सकती है कांग्रेस

जिन सीटों पर टिकट बदले जाने की चर्चाएं हैं, उनमें रामनगर सीट भी बताई जा रही है, जिस पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को प्रत्याशी बनाया गया है।

उत्तराखंड में टिकटों पर घमासान, कांग्रेस में छह टिककांग्रेस में टिकट बंटवारे के बाद कई सीटों पर लगातार बगावती तेवर सामने आ रहे हैं। कांग्रेस आलाकमान पूरे मामले पर नजर बनाए हुए है। इस बीच इस बात के संकेत भी आने लगे हैं कि कांग्रेस छह विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी बदल सकती है। जिन सीटों पर टिकट बदले जाने की चर्चाएं हैं, उनमें रामनगर सीट भी बताई जा रही है, जिस पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को प्रत्याशी बनाया गया है।

रावत इस सीट पर नामांकन करने का एलान कर चुके हैं। लेकिन सीट पर टिकट के दावेदार रणजीत रावत के बगावती तेवरों के बाद रामनगर में प्रत्याशी बदलने की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। अटकलें हैं कि हरीश रावत को हरिद्वार ग्रामीण से प्रत्याशी बनाया जा सकता है। इस सीट पर कांग्रेस ने अभी प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। इसके अलावा ऋषिकेश विस सीट पर भी जयेंद्र रमोला को प्रत्याशी बनाए जाने का विरोध शुरू हो गया है।

टिकट के दावेदार राजपाल खरोला और शूरवीर सिंह सजवाण अपने समर्थकों के साथ हरीश रावत के राजपुर रोड स्थित आवास पर पहुंच गए। कुमाऊं में लालकुआं और कालाढूंगी विधानसभा सीट पर भी कांग्रेस प्रत्याशी बदल सकती है। लालकुआं से कांग्रेस ने संध्या डालाकोटी को उम्मीदवार बनाया है, जबकि कालाढूंगी से पूर्व सांसद महेंद्र पाल सिंह प्रत्याशी हैं। लालकुआं से पूर्व कैबिनेट हरीश्चंद्र दुर्गापाल ने बागी तेवर दिखा दिए हैं, जबकि कालाढूंगी से लंबे समय से तैयारी कर रहे महेश शर्मा भी नाराज बताए जा रहे हैं। डोईवाला विधानसभा सीट पर भी टिकट बदलने का दबाव बनाया जा रहा है।

कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि लैंसडौन विधानसभा टिकट को लेकर विवाद चल रहा है। ऐसे में कांग्रेस प्रभारी देवेंद्र यादव ने उन्हें आज बातचीत के लिए बुलाया है। क्षेत्र के 22 दावेदारों का कहना था कि उनमें से किसी एक को टिकट दिया जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।

 कांग्रेस प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी होने के बाद गढ़वाल से कुमाऊं तक विभिन्न सीटों पर कार्यकर्ताओं में उबाल है। पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत की पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं को लैंसडाउन से टिकट दिए जाने से नाराज कुछ कार्यकर्ताओं ने दोपहर कांग्रेस भवन में प्रदर्शन किया तो देर रात ऋषिकेश से बड़ी संख्या में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के ओल्ड मसूरी रोड स्थित आवास पर पहुंचे कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जताई।
देहरादून जिले की 10 विधानसभा सीटों पर तैयारी कर रहे दावेदार काफी नाखुश हैं। उनकी बगावत को थामने में भाजपा और कांग्रेस के पसीने छूट रहे हैं। कई दावेदार निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर चुके हैं जबकि कई इस पर विचार कर रहे हैं। चकराता विधानसभा में भाजपा ने रामशरण नौटियाल को टिकट दे दिया। इससे यहां पूर्व में भी चुनाव लड़ चुकीं मधु चौहान खासी खफा बताई जा रही हैं। वह सोशल मीडिया में जिस तरह की पोस्ट डाल रही हैं, उससे उनके बागी होने की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है। इससे भाजपा की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं। हालांकि कांग्रेस के लिए माहौल थोड़ा शांत नजर आ रहा है। विकासनगर में भाजपा और कांग्रेस के लिए ऐसे बागी अभी तक खुलकर सामने नहीं आए हैं।
सहसपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस के लिए हालात काफी चिंताजनक हो गए हैं। कांग्रेस से टिकट का दावा करने वाले राकेश नेगी खफा बताए जा रहे हैं। हालांकि उन्होंने अभी बगावत का एलान नहीं किया है। हालांकि भाजपा के लिए सहसपुर में इस बार हालात सामान्य नजर आ रहे हैं। धर्मपुर विधानसभा सीट में भाजपा के लिए अंदरखाने कई दावेदार खफा हैं। यहां पार्टी लगातार दावेदारों को मैनेज करने में जुटी हुई है। पार्टी नेता वीर सिंह पंवार तो खुलकर भाजपा प्रत्याशी विनोद चमोली के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। हालांकि कांग्रेस के लिए यहां हालात सामान्य नजर आ रहे हैं।
रायपुर विधानसभा सीट पर पहले ही जिस विधायक उमेश शर्मा काऊ का विरोध हो रहा था, उन्हें भाजपा ने फिर प्रत्याशी बनाया है। उनके विरोधी सक्रिय हैं, जिसे रोकने में भाजपा पदाधिकारियों के पसीने छूट रहे हैं। कांग्रेस में भी यहां प्रभुलाल बहुगुणा सहित कई नेताओं ने दावा किया था, पार्टी ने यहां से हीरा सिंह बिष्ट को मैदान में उतार दिया है। दोनों ही पार्टियों के लिए यहां बगावती सुरों को दबाने की चुनौती बनी हुई है। देहरादून कैंट विधानसभा भाजपा व कांग्रेस के लिए काफी चुनौतियां पैदा कर रही है।
भाजपा ने यहां पूर्व विधायक स्व. हरबंस कपूर की पत्नी सविता कपूर को प्रत्याशी बनाया है तो कांग्रेस ने यहां पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना को टिकट दिया है। दोनों ही दलों में तमाम दावेदार थे। भाजपा में जहां आदित्य चौहान, जोगेंद्र पुंडीर, दिनेश रावत सहित कई दावेदार थे तो कांग्रेस में भी इस सीट पर लालचंद शर्मा, वैभव वालिया जैसे कई नाम थे। दिनेश रावत तो खुलकर बगावत पर उतर भी आए हैं। उधर धस्माना के विरोध में भी कई दावेदार उतर आए हैं। ऋषिकेश में भाजपा के लिए थोड़ी गुटबाजी मुश्किलें पैदा कर रही है जबकि कांग्रेस के लिए भी आपसी तनातनी चुनौतीपूर्ण बनी हुई है। यहां कांग्रेस के कई दावेदार टिकट बदलने की मांग कर रहे हैं।
कांग्रेस में शामिल होने के बाद पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत अब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के दावे करने लगे हैं। उन्होंने कहा कि माहौल कांग्रेस के पक्ष में है, राज्य में कांग्रेस की ही सरकार बन रही है। चुनाव लड़ने की संभावना के सवाल पर हरक सिंह रावत ने कहा कि वह चुनाव लड़े या न लड़ें, लेकिन घर में बैठने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि खेल तो अब शुरू होगा।

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