उत्तराखंड

वन मंत्री नें वन विभाग के साथ राष्ट्रीय औषिधीय पादप बोर्ड द्वारा संचालित सेंन्ट्रल सेक्टर स्कीम एवं राज्य में इन योजनाओं को लागू व प्रभावी क्रियान्वयन करने हेतु ली बैठक

प्रदेश में हर्बल गार्डन को विकसित करने पर विस्तृत चर्चा करते हुए, वर्तमान समय में संचालित योजनाओे की जानकारी ली

देहरादून | प्रदेश के मा0 वन, तकनीकी शिक्षा, भाषा एवं निर्वाचन कैबिनेट मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने आज वन विभाग के मंथन सभागार में आला अधिकारियों के साथ भारत सरकार आयुष मंत्रालय राष्ट्रीय औषिधीय पादप बोर्ड द्वारा संचालित सेंन्ट्रल सेक्टर स्कीम एवं राज्य में इन योजनाओं को लागू व प्रभावी क्रियान्वयन करने हेतु बैठक ली। मा0 मंत्री ने प्रदेश में हर्बल गार्डन को विकसित करने पर विस्तृत चर्चा करते हुए, वर्तमान समय में संचालित योजनाओे की जानकारी ली, जिस पर माननीय मंत्री ने तेजी से प्रगति लाने के निर्देश दिए। उन्होंने संबंधित आधिकारियों को चारों धाम में हर्बल गार्डन बनाने के निर्देश दिए। कहा कि यहां पर लाखों के संख्या में आने वालें श्रद्धालुओं एवं लोगों को लाभ मिल सकेंगा। साथ ही कहा के पहाड़ी कास्तकारों के दृष्टिगत मानकों को सरलीकरण बनाया जाय। जिससें उन्हे हर्बल गार्डन की कास्त करने में कठिनाई ना हो, ओर अपनी आजीविका संबंर्द्धन कर सकें। जिस हेतु उन्होने संबंधित अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा करते हुए, कास्तकारों के लिए जडी बूटी/औषधि पादपों की कास्तकारी के लिए अलग से एक वन विभाग की नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देश दिये। वही उन्होने जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक कमेटी की गठन करने के निर्देश दिए। जिसमें वन विभाग के अधिकारी एवं मुख्य कृषि अधिकारी, मुख्य उद्यान अधिकारी सदस्य होगें। मा0 मंत्री ने लंम्बित प्रोजेक्ट को शीघ्र पूर्ण करने के दिशा निर्देश दिये। संबंधित अधिकारियों द्वारा राज्य में पाये जाने वाले एवं कास्त वाले औषधिक पादपों की प्रजेंटेशन के माध्यम से विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। जबकि मा0 मंत्री ने वन निगम के तीनों मण्डियों का सुदृढिकरण करते हुए प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के निर्देश दिये। उन्होने पी.एम.एफ.एस. योजना के तहत वन डिस्ट्रीक्ट वन प्रोजेक्ट के रूप में विकसित करने के निर्देश दिये। कहा कि वन पंचायत को ओर मजबूत बनाये जाए, नियमावली में सुधार लाते हुए सरली करण की जरूरत है। वही संबंधित अधिकारी द्वारा बताया गया कि राज्य के स्थानीय स्तर पर पाये जाने वाले औषधीय पादपों के बारे में कास्तकारों को प्रशिक्षण एवं जागरूक किये जाते है।
बैठक में अपर मुख्य कार्यवाही अधिकारी/प्रतिनिधि राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड, नई दिल्ली के द्वारा प्रस्तुतिकरण के माध्यम से प्रदेश अर्न्तगत राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड, नई दिल्ली द्वारा वित्त पोषित योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति की जानकारी दी गई। राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड, नई दिल्ली की ऑपरेशनल गाईडलाईन के तहत उत्तराखण्ड राज्य में लागू किये जाने वाली योंजनाओं पर चर्चा की गई। वन पंचायत में औषधीय पौंधों के रोपण/संरक्षण/सवंर्द्धन, औषधीय पौधों से उत्पादित कच्चे माल के एकत्रीकरण/विपणन/वैल्यू एडिशन के प्रस्ताव सहित प्रमुख वन संरक्षित वन पंचायत, देहरादून द्वारा प्रस्तुतिकरण् के माध्यम से .नये हर्बल गार्डनों की स्थापना/पुराने हर्बल गार्डनों का विस्तार एवं रख-रखाव सम्बन्धी प्रस्ताव पर जानकारी दी गई। जबकि .वन निगम द्वारा स्थापित हर्बल मण्डियों से प्रदेश में एकत्रित औषधी में प्रयोग कियो जाने वाले कच्चे माल का विपणन, हर्बल मण्डियों के माध्यम से किसी को बढाने पर चर्चा तथा हर्बल मण्डियों के उच्चीकरण का प्रस्ताव प्रबन्ध निदेशक,उत्तराखण्ड वन विकास निगम द्वारा जानकारी दी गई। .औषधी पौधों के संरक्षण/संर्वद्धन एवं प्रदेश में इससे सम्बन्धित जागरूकता सम्बन्धी कार्यक्रम चलाये जाने सम्बन्धी प्रस्ताव पर चर्चा हुई।
इस अवसर पर प्रमुख वन संरक्षक उत्तराखण्ड विनोद कुमार, प्रमुख व0स0 व0प0 उत्तराखण्ड ज्योत्सना स्थिलिंग, उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी चन्द्रशेखर, पीसीसीएफ(एन/एल) सीडब्लूएलडब्लू समीर सिन्हा सहित कई वन विभाग के प्रमुख अधिकारीगण उपस्थित थे।

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