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मैं भारतीय जनता पार्टी की कार्यकर्ता हूँ. बेबी रानी मौर्य हूँ और बेबी रानी मौर्य ही रहना चाहती हूँ.”

बेबी रानी मौर्य ने कहा है कि वो और मायावती एक ही समाज से आते हैं लेकिन वो उनका 'चेहरा नहीं लेना चाहती' हैं.

बेबी रानी मौर्य ने कहा है कि वो और मायावती एक ही समाज से आते हैं लेकिन वो उनका ‘चेहरा नहीं लेना चाहती’ हैं.

बेबी रानी मौर्य ने बीबीसी से ख़ास बातचीत में कहा, “मैं मायावती जी को न तो अपना कॉम्पटीटर (प्रतिस्पर्धी) मानती हूँ. न उनका चेहरा बनना चाहती हूं. मैं भारतीय जनता पार्टी की कार्यकर्ता हूँ. बेबी रानी मौर्य हूँ और बेबी रानी मौर्य ही रहना चाहती हूँ.”

बेबी रानी मौर्य बीजेपी की राष्ट्रीय‌ उपाध्यक्ष हैं. वो उत्तराखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं और बीजेपी के प्रमुख दलित चेहरों में गिनी जाती हैं. 1990 के दशक में वो आगरा की मेयर भी रह चुकी हैं.

बीजेपी ने उन्हें ‘दलितों की राजधानी’ कहे जाने वाले आगरा ज़िले की ग्रामीण (सुरक्षित) सीट से विधानसभा उम्मीदवार बनाया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जैसे पार्टी के बड़े नेता चुनाव प्रचार के दौरान दावा कर रहे हैं कि अगर बेबी रानी मौर्य चुनाव जीतती हैं और प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनती है तो उन्हें ‘बड़ी ज़िम्मेदारी’ दी जाएगी.

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