उत्तराखंड

मेयर सुनील उनियाल ने अपनी संपत्ति के बारे में पत्रकारों के समक्ष रखा अपना पक्ष

एक पान और चाउमीन दुकान से काम का सफर शुरू हुआ और 40 साल के आयु तक काम करता रहा

देहरादून:   देहरादून नगर निगम के मेयर सुनील उनियाल गामा ने अपने संपत्ति बढ़ोतरी मामले में राजपुर विधायक खजान दास और भाजपा महानगर सिद्धार्थ उमेश अग्रवाल की मौजूदगी में पत्रकारों के सामने अपना पक्ष रखा। इस दौरान उन्होंने कहा कि चुनाव घोषणा पत्र के दौरान 2017 से निर्वाचन को संपत्ति दिखाई थी उसमें से अधिकतर जमीन को बेच दिया हूं। मेरे पास जो भी संपत्ति है उसकी जानकारी आईटीआई में दे रखी है। अगर छिपानी होती तो मैं जानकारी ही नहीं देता। मेयर ने कहा कि युवास्था से अपना काम प्रांरभ किया था। एक पान और चाउमीन दुकान से काम का सफर शुरू हुआ और 40 साल के आयु तक काम करता रहा। इस दौरान एक नहीं करीब-करीब 15 कामों को किया। पान,चाउमीन, सरकारी ठेकेदारी, फोटो और वीडियो लाइब्रेरी, लकड़ी के खैरात मशीन लगाने सहित अन्य काम को किया। इस दरम्यान 2012 तक कुछ संपत्ति ली। गामा ने कहा कि पूरा परिवार काम करता है। मेरी पत्नी भी नौकरी करती है। बेटी लंदन में जाब कर रही है। बेटा एमटेक करने के साथ काम करता है। हर व्यक्ति अपने उत्थान के लिए काम करता है। मैंने भी इसी सोच के साथ जमीन को खरीदारी कर कौन सा गलती कर दिया। मेयर बनने के बाद सब ठेकेदारी के लाइसेंस को निरस्त करा दिया। मेयर ने बताया कि गुरु राम राय दरबार साहिब महंत जी ने मुझे ही नहीं अन्य लोगों को भी किराये पर जमीन दी है। साल 2012 में महंत जी को छोटा सी दुकान बनाने के लिए आवेदन किया था। पुराना अलाटमेंट साहनी को किया था और उसको हटाने के लिए नोटिस दिया था। जब उसने खाली किया तो मुझे किराये पर दी। उन्होंने एक खबर पर कहा कि मेरा कोई पेट्रोल पंप नहीं है ये सरासर गलत है।

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