देश

मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई 5 अप्रैल को

आबकारी मामले से जुड़े ईडी के एक मामले में सिसोदिया फिलहाल 5 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में हैं

दिल्ली : शनिवार को अदालत ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका की सुनवाई 5 अप्रैल को तय की है। प्रवर्तन निदेशालय ने शनिवार को अदालत में जमानत याचिका का विरोध करते हुए अपना लंबा जवाब दाखिल किया. विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने मामले को 5 अप्रैल के लिए स्थगित कर दिया और ईडी से पूछकर सिसोदिया के वकील को जवाब की एक प्रति दी. आबकारी मामले से जुड़े ईडी के एक मामले में सिसोदिया फिलहाल 5 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में हैं.सिसोदिया को ईडी रिमांड पर कोर्ट ने भेजते हुए कहा कि इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है कि ईडी के मामले की जांच एक जटिल मामला है और इसकी पेचीदगियों को ध्यान में रखते हुए, कथित अपराध के आयोग में शामिल व्यक्तियों / अभियुक्तों की बहुलता मनी लॉन्ड्रिंग और जांच के दौरान जब्त किए गए रिकॉर्ड या डेटा की भारी मात्रा और जांच एजेंसी द्वारा विश्लेषण करने की आवश्यकता है. इसमें कुछ समय लगना तय है और आईओ या जांच एजेंसी को इसके लिए दोष नहीं दिया जा सकता है.

पहले ईडी की ओर से पेश हुए अधिवक्ता ज़ोहैब हुसैन ने कहा कि मेल डेटा, मोबाइल डेटा का फोरेंसिक विश्लेषण किया जा रहा है. जिस दिन एलजी ने सीबीआई को लिखा था उस दिन सिसोदिया ने लंबे समय तक इस्तेमाल किए जाने वाले मोबाइल फोन बदल दिया था.ईडी के वकील ने आगे कहा कि बयानों की पुष्टि गिरफ्तार व्यक्ति के कंप्यूटर से प्राप्त डेटा की रिकवरी से हुई थी. इस दौरान मोबाइल डेटा, ईमेल डेटा और क्लाउड डेटा भी प्राप्त हुए.प्रवर्तन निदेशालय ने आबकारी नीति के संबंध में मनीष सिसोदिया की रिमांड की मांग करते हुए कहा कि सबूतों के सक्रिय विनाश के कार्य से केवल एक निष्कर्ष निकलता है कि मनीष सिसोदिया ने मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध के साक्ष्य को नष्ट करने के लिए सचेत प्रयास किए हैं. ईडी की ओर से पेश वकील ज़ोहैब हुसैन और नवीन कुमार मट्टा ने पहले कहा था कि मनीष सिसोदिया द्वारा इस साल 7 मार्च और 9 मार्च को दिए गए बयान में भी असत्य है. ईडी ने इससे पहले अदालत को बताया था कि सिसोदिया ने अन्य लोगों के नाम से सिम कार्ड और मोबाइल फोन खरीदे थे. आबकारी नीति बनाने के पीछे साजिश थी। ईडी ने अदालत में तर्क दिया कि साजिश को विजय नायर ने अन्य लोगों के साथ मिलकर समन्वित किया था और आबकारी नीति थोक विक्रेताओं के लिए असाधारण लाभ मार्जिन के लिए लाई गई थी. सिसोदिया के वकील की दलीलों का खंडन करते हुए ईडी के वकील ने अदालत से कहा कि अगर नीति कार्यपालिका का मामला है तो कोयला घोटाला या 2जी घोटाला नहीं होगा.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button