उत्तराखंड

बुल्ली बाई एप: उत्तराखंड से जुड़े तार

मुंबई पुलिस ने मंगलवार देर रात कोटद्वार से एक युवक को गिरफ्तार किया है।

बुल्ली बाई एप मामले में उत्तराखंड से एक और गिरफ्तारी हुई है। मुंबई पुलिस ने मंगलवार देर रात कोटद्वार से एक युवक को गिरफ्तार किया है। युवक का नाम मयंक रावत बताया जा रहा है। उक्त युवक दिल्ली के जाकिर हुसैन कॉलेज में बीएससी का छात्र है। बताया जा रहा है कि उक्त युवक ने अपने ट्विटर अकाउंट से पोस्ट किया था।

अब तक उत्तराखंड से दो गिरफ्तारी
बुल्ली बाई एप मामले में अब तक उत्तराखंड से दो गिरफ्तारी हो चुकीं हैं। जिसमें एक युवती रुद्रपुर से और एक युवक कोटद्वार से गिरफ्तार किया गया है। वेस्ट साइबर पुलिस थाना मुंबई के उपनिरीक्षक अमर कामले ने उक्त युवक को गिरफ्तार किया है।

कोटद्वार के कोतवाल विजय सिंह ने मामले की पुष्टि की है। उन्होंने बताया है कि मुंबई पुलिस की टीम ने मंगलवार रात 1:30 से 2:00 बजे निंबूचौर में दबिश दी और युवक को उसके घर से गिरफ्तार किया। मयंक रावत को मुंबई पुलिस स्थानीय कोर्ट में पेश करेगी। जहां से ट्रांजिट रिमांड के बाद पुलिस उसे मुंबई ले जाएगी।
चर्चित बुल्ली बाई एप मामले में मंगलवार को मुंबई की साइबर पुलिस ने ऊधमसिंह नगर जिले के रुद्रपुर से एक युवती को गिरफ्तार किया था। बताया गया कि यह युवती इंटरमीडिएट पास है और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही है।
उत्तराखंड पुलिस के प्रवक्ता सेंथिल अबुदई कृष्ण राज एस ने बताया कि श्वेता सिंह नाम की युवती को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने शुरुआती जानकारी के आधार पर बताया कि श्वेता तीन अकाउंट संचालित कर रही थी। फिलहाल उसके एक ही अकाउंट के बारे में जानकारी मिल सकी है। ट्विटर के जरिये उसने समुदाय विशेष की महिलाओं की बोली लगवाई थी।
बताया जा रहा है कि बुल्ली बाई एप पर समुदाय विशेष की 100 से ज्यादा महिलाओं के फोटो अपलोड किए गए हैं। इन फोटो पर उनकी बोली लगाई जा रही है। पुलिस ने पड़ताल करने के बाद सोमवार को बेंगलूरु से एक युवक को गिरफ्तार किया था। इंजीनियरिंग का यह छात्र विशाल खालसा सुपरमिस्ट नाम से अकाउंट चला रहा था। सब कुछ पंजाबी में लिखा हुआ था। कुछ दिन बाद उसने अपने अकाउंट का नाम भी बदल दिया था।गिरफ्तारी के बाद उत्तराखंड एसटीएफ को भी सक्रिय कर दिया गया है। एसटीएफ अपने स्तर से जानकारियां जुटा रही है। तमाम सोशल मीडिया अकाउंट की निगरानी की जा रही है। इसके साथ ही इस तरह की एप पर भी नजर रखी जा रही है। हालांकि, अभी तक उत्तराखंड में किसी पीड़ित का नाम सामने नहीं आया है। एसटीएफ के अंतर्गत दोनों साइबर थानों की पुलिस इस मामले की पड़ताल में जुट गई है।

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