उत्तराखंड

बारिश और ठंड भी नहीं रोक सकी शिवभक्तों के कदम

मौसम में भी काफी परिवर्तन होने के चलते इस बार 21 फरवरी से बड़ी संख्या में कांवड़िया यात्री पहुंचने लगे

फाल्गुन मास की कांवड़ यात्रा में बारिश और ठंड भी शिवभक्तों की परीक्षा ले रही है। मौसम बदलने के बाद भी कांवड़ियों के कदम थम नहीं रहे। पैदल कांवड़ यात्री अपने गंतव्य के लिए निकल चुकें हैं। और अब डाक कांवड़िए पहुंच गए हैं। इसके साथ ही आसपास के श्रद्धालु भी गंगाजल लेने के लिए आने लगे हैं।

फाल्गुन मास की महाशिवरात्रि एक मार्च को है। करीब दो साल बाद कोरोना संक्रमण का असर कम होने व मौसम में भी काफी परिवर्तन होने के चलते इस बार 21 फरवरी से बड़ी संख्या में कांवड़िया यात्री पहुंचने लगे थे। अब तक हरियाणा, पंजाब, राजस्थान के पैदल कांवड़ यात्री अपने गंतव्यों की तरफ पहुंच चुकें हैं।वहीं मुरादाबाद, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बागपत, मेरठ के कांवडिए भी गंगाजल कांवड़ में रखकर अपने गंतव्यों की तरफ प्रस्थान कर चुके हैं। शनिवार को बारिश के बाद भी शिवभक्तों के कदम नहीं रुके। हाईवे से लेकर अन्य संपर्क मार्गों की तरफ कांवड़ यात्री बढ़ते हुए नजर आए। अब अगले दो दिन शहर से लेकर हाईवे पर डाक कांवड़ नजर आएंगी।
हरियाणा के अलग-अलग जिलों से डाक कांवड़िए ट्रैक्टर-ट्राली, ट्रक, डीसीएम समेत बाइकों से हरिद्वार पहुंचे चुके हैं। इन डाक कांवड़ियों के वाहनों पर डीजे व लाउडस्पीकर लगे हैं। रविवार की सुबह अधिकतर डाक कांवड़ियां गंगाजल लेकर अपने देवालयों की तरफ रवाना हो गए। इसके साथ ही जिले के आसपास गांवों व कस्बों के कांवड़िए भी रविवार को गंगाजल लेने के लिए धर्मनगरी पहुंच गए हैं।

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